मेंटल हेल्थ एंड इमोशनल वेलबीइंग फ़ोर स्टूडेंट्स विषय पर एक  कार्यशाला का आयोजन 

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि के सर छोटू राम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (SCRIET) में मनोविज्ञान विभाग के पुरातन विद्यार्थियों द्वारा संचालित स्वयं सेवी संस्था मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया, मेरठ द्वारा “कम्युनिटी वेलनेस एंड सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम” के  तहत मेंटल हेल्थ एंड इमोशनल वेलबीइंग फ़ोर स्टूडेंट्स विषय पर एक  कार्यशाला का आयोजन किया गया।

मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के तहत चार दिन तक चलने वाले कार्यक्रम का आज तीसरा सत्र  कम्प्यूटर विज्ञान विभाग में आयोजित किया गया।इस अवसर पर प्रो. नीरज सिंघल (डायरेक्टर, एससीआरआईईटी) ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि सभी विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषय के ऊपर ठीक वैसे ही बात करनी चाहिए जैसे कि हम शारीरिक समस्याओं के संबंध में किसी पेशेवर डॉक्टर से मदद लेते हैं क्योंकि अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखकर हम सिर्फ अपने शारीरिक स्वास्थ्य को ही बेहतर नहीं बनाते बल्कि अपनी पढ़ाई में बेहतर ध्यान केंद्रित कर अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं और अच्छे कौशल विकसित कर एक सफल इंजीनियर बन सकते हैं।

मनोविज्ञान विभाग से उपस्थित प्रो. संजय कुमार ने कहा कि हम सबकी जिंदगी बहुत खूबसूरत है और इसे हमें खुलकर जीना चाहिए। लेकिन यह दिमाग में रखना चाहिए कि यदि जिंदगी है तो जिंदगी में परेशानियां भी होती हैं। इसलिए जब कभी भी जिंदगी में कोई परेशानी आए तो हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका सामना करने के कौशल विकसित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिंदगी की हर समस्या का समाधान होता है लेकिन जब कभी भी समस्याएं ज्यादा जटिल होती हैं तो ऐसे में हम अकेले समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते बल्कि एसी समस्याओं का समाधान किसी की सहायता से किया जाता है और ऐसे में हमें किसी न किसी की सहायता लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब किसी न किसी ताकत, और कौशलों के साथ यदि पैदा होते हैं तो हमने कमियां होना भी लाजमी है और बड़े होने के साथ-साथ हम इन्हीं कमियों को दूर करके एक सफल और सशक्त इंसान बनते हैं। उन्होंने कहा कि जिंदगी में हमें वह नहीं मिल सकता जिसे हम चाहते हैं बल्कि प्रकृति हमें वह देती है जिसके कि हम लायक होते हैं। अतः जब कभी हमें वह न मिले जो हमें चाहा था तो हमें ऐसे विचारों को तर्कशीलता से रोक l न चाहिए। उन्होंने कहा कि आप जिस भी क्षेत्र में अपने भविष्य को बनाना चाहते हैं हमें उस क्षेत्र में अपने कौशलों को विकसित करना चाहिए औरवजी भी आप पढ़ें उसका इंस्ट्रूमेंटेशन कैसे किया जा सकता है यह विचार आपका पहला विचार होना चाहिए ऐसे करके आप जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हैं उसके लिए एक सफल और सुदृढ़ इंसान बन सकते हैं और एक सुखद जिंदगी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताया कि मानसिक स्वास्थ्य जैसा विषय हम सबकी जिंदगी से जुड़ा विषय है जिस पर हमें खुल के अपनी बात को करना चाहिए। 

मुख्य वक्त के रूप में एम एच एम इंडिया में कॉरपोरेट ट्रेनर और पी आर मैनेजर  नीरज शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब भी हमारे पास कोई समस्या आती है और वह लंबे समय तक रह जाती है या हम उसका ठीक से मानना नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में मानसिक दबाव, तनाव, या टेंशन जैसी स्थितियों, जैसे नींद न आना, गुस्सा ज्यादा, पढ़ाई में मन न लगना, ध्यान न लगना, दोस्तों में घुलना कम कर देना आदि लक्षण हमें देखने को मिलते हैं और ऐसे  में हमें अपने मन की बात किसी बड़े व्यक्ति या मनोवैज्ञानिक से साझा करना चाहिए जो कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक सफल उपाय है। उन्होंने कहा कि ऐसे में प्रायः समाधान हमारे अंदर ही होता है बस हमें उसे देखने की ज़रूरत होती है। अगर हम ऐसा नहीं कर पाते है तो हमें पेशेवर मदद लेने की आवश्यकता होतीं है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए टिप्स बताए और कहा कि यदि हम रोज मॉर्निंग एक्सर्साइज, मेडिटेशन, डीप ब्रीधिंग रिलेक्सेशन, आदि क्रियाओं में खुद को व्यस्त रखते हैं तो अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं। इस दौरान काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट प्रिया पाल ने मेंटल रिलेक्सेशन की प्रैक्टिस करायी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में भी एक काउंसलिंग सेंटर है जहां आर सी आई अप्रूव्ड मनोवैज्ञानिक प्रो० संजय कुमार विद्यार्थियों, शिक्षकों, और कर्मचारियों की सहायता बिना जज किए करते हैं और आपकी बातें कॉन्फिडेंशियल रखते हैं। अगर आप अपनी बात ऑनलाइन कहना चाहते हैं तो हमारे नो. 8899333777 पर कॉल कर सकते हैं काल करने वाले का बिना नाम पता पूछे पहले सैशन में निःशुल्क सहायता की जाती है।

कार्यक्रम मे कम्प्यूटर विभाग की तरफ़ से असिस्टेंट प्रोफ़ेसर  नीलम, लक्ष्मी शंकर, रितु शर्मा,  कवि भूषण ने महत्वपूर्ण सहयोग व सुविधा उपलब्ध कराई। वहीं, मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया की ओर से काउंसलिंग साइकोलॉजईस्ट सुश्री सोफिया ने अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम के अंत में संयोजक डॉ. पारुल वर्श्नेय (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग) और तकनीकी सदस्य डॉ. रंजु अरोड़ा (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रुमेंटेशन विभाग) ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।


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