धर्मांतरण गिरोह का मास्टरमाइंड छांगुर बाबा गिरफ्तार

 ATS ने किया 100 करोड़ फंडिंग का खुलासा

बलरामपुर। प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण गैंग के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार कर एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। छांगुर बाबा को शनिवार को बलरामपुर के मधपुर गांव से पकड़ा गया। उसके साथ उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन भी गिरफ्तार हुई है। छांगुर बाबा पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा खुद को ‘हाजी पीर जलालुद्दीन’ के नाम से प्रचारित करता था। वह हिंदू लड़कियों को बहलाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था। लड़कियों की जाति के हिसाब से धर्मांतरण की दरें तय थीं। 

ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिए 15–16 लाख रुपये

पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10–12 लाख रुपये

अन्य जातियों की लड़कियों के लिए 8–10 लाख रुपये

100 करोड़ की विदेशी फंडिंग, 40 से ज्यादा बैंक खाते और विदेश यात्राएं

एटीएस के मुताबिक, आरोपी ने फर्जी संस्थानों के नाम से 40 से अधिक बैंक खाते खुलवा रखे थे, जिनमें करीब 100 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग का लेन-देन हुआ है। इन पैसों से गिरोह ने बंगले, लग्जरी गाड़ियां और शोरूम जैसी संपत्तियां खरीदी थीं।गिरोह ने पाकिस्तान समेत 40 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं की थीं। जांच में यह भी पाया गया कि एक साल में ही करोड़ों की संपत्ति खरीद ली गई।

‘शिजर-ए-तैय्यबा’ से ब्रेनवॉश, गरीब और विधवा महिलाओं को बनाया जाता था निशाना

पूछताछ में पता चला कि जलालुद्दीन ने ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नाम की किताब छपवाई थी, जिसे इस्लाम प्रचार और ब्रेनवॉश के लिए इस्तेमाल किया जाता था। उसका गिरोह गरीब, विधवा और असहाय महिलाओं को आर्थिक मदद और शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता था।कई मामलों में डरा-धमकाकर भी धर्म परिवर्तन कराने के आरोप हैं।

गुंजा गुप्ता का मामला: नाम बदलकर बनी अलीना अंसारी

लखनऊ निवासी गुंजा गुप्ता के मामले में सामने आया कि अबू अंसारी नामक युवक ने खुद को ‘अमित’ बताकर फंसाया और छांगुर बाबा की दरगाह लेकर गया। वहां उसका नाम बदलकर ‘अलीना अंसारी’ रखा गया। बदले में अच्छी जिंदगी, पैसे और सुरक्षा का लालच दिया गया।

पहले हो चुकी हैं कई गिरफ्तारियां

इस गिरोह के खिलाफ नवंबर 2024 में एटीएस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसमें महबूब (छांगुर का बेटा) और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन भी नामजद थे।

8 अप्रैल 2025 को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद छांगुर बाबा फरार हो गया था। एटीएस की कई टीमों को उसकी तलाश में लगाया गया था। कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया और उस पर इनाम घोषित किया गया था।

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