कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव प्रशिक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किया
मेरठ : क्षमता निर्माणऔर जन-केंद्रित शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने 9 जुलाई 2025 को नई दिल्ली स्थित कौशल भवन में राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव प्रशिक्षण केदूसरे चरण के अंतर्गत तीन दिवसीय मास्टर ट्रेनर कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापनकिया। यह कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी के व्यापक ढांचे के अंतर्गत कैपेसिटी बिल्डिंगकमीशन (सीबीसी) की एक प्रमुख पहल है इसकार्यक्रम ने मंत्रालय के क्षेत्रीय संस्थानों—डीजीटी, आरडीएसडीई, एनएसटीआई, एनआईएमआई, सीएसटीएआरआई और एनसीवीईटी से 28 नामित अधिकारियों को मास्टर ट्रेनरके रूप में प्रशिक्षित किया।
सत्र के अनुभव को साझा करते हुए रजित पुनहानी, (सचिव, कौशल विकास और उद्यमशीलतामंत्रालय)ने कहा,“राष्ट्रीयकर्मयोगी सेवा-भाव प्रशिक्षण एक ऐसा महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रशासन को और अधिक उत्तरदायी, संवेदनशील और जन-प्रथमबनाने की दिशा में हमें आगे ले जाता है। यह केवल तकनीकी क्षमताओं तक सीमित नहीं, बल्कि उद्देश्य-केन्द्रितशासन प्रणाली को विकसित करने की दिशा में है। अधिकारियों के भीतर सेवा की भावना कोजगाकर हम न केवल सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसे भविष्य केलिए आधार तैयार कर रहे हैं जो मूल्यों पर आधारित हो, राष्ट्रीय दृष्टिकोण ‘विकसित भारत @2047’ से जुड़ा हो और समय कीआवश्यकताओं के अनुरूप हो।”
समापन सत्र के दौरान सुश्री त्रिशलजीत सेठी, महानिदेशक (प्रशिक्षण) और सुश्रीहेना उस्मान, संयुक्त सचिव, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालयने प्रतिभागियों को संबोधित किया और इस प्रशिक्षण की रणनीतिक महत्ता को रेखांकितकिया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम एक संवेदनशील, उत्तरदायी और मिशन-केन्द्रितकार्यबल के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा। दोनों अधिकारियों ने प्रतिभागियों सेसंवाद भी किया, उनके सुझावों की सराहना की औरसेवा-भाव की भावना को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता कीप्रशंसा की।
इन अधिकारियों को मंत्रालय केनिदेशक प्रीतम दत्ता और सीएसटीएआरआई के निदेशक टी. रागुलान द्वाराप्रशिक्षित किया गया, औरदोनों को मई 2025 मेंसीबीसी द्वारा लीड ट्रेनर के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
इस चरण की सफलतापूर्वक पूर्णता के साथ, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालयशासन संस्कृति में बदलाव लाने की दिशा में मानव संसाधन विकास में निरंतर निवेश केमाध्यम से अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह पहल एक सशक्त और सेवा-उन्मुख नौकरशाही केनिर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है, जो विकसित भारत @2047 के विज़न को साकार करने में सहायक बनेगी।
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