लक्ष्मीबाई का नाम याद दिलाया...!


उसने अंग्रेजी साम्राज्य की नींव को था हिलाया,
एक बार रानी लक्ष्मीबाई का नाम याद दिलाया।

ग्वालियर रणक्षेत्र में अपने पुत्र को पीठ पे बांधे,
तलवार से दुश्मनों को चीर हजारों निशाने साधे।

स्वतंत्रता की असीम अग्नि को प्रज्वलित किया,
केवल युद्ध ही नहीं लड़ा आंदोलन खड़ा किया।

उसने अंग्रेजी साम्राज्य की नींव को था हिलाया,
एक बार रानी लक्ष्मीबाई का नाम याद दिलाया।

वो आज भी हर एक भारतीय के हृदय में समाई,
हमारे मस्तक का भाल हैं मनु व रानी लक्ष्मीबाई।

इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पे अमर अनुपम गाथा,
साहस,बलिदान और स्वाभिमान से रहा हैं नाता।

उसने अंग्रेजी साम्राज्य की नींव को था हिलाया,
एक बार रानी लक्ष्मीबाई का नाम याद दिलाया।

मनु एक असाधारण से व्यक्तित्व की थी मलिका,
घुड़सवारी, तलवार, युद्धकला में निपुण चालिका।

वे नारीत्व की पारंपरिक परिभाषाओं को तोडती,
मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी - का कथानक जोडती।
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- संजय एम तराणेकर, इन्दौर।

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