तनाव भरे जीवन में हास्य के मनोविज्ञान से रहे खुश

 मेरठ। रघुनाथ गर्ल्स पी. जी कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग द्वारा वैल्यू एडेड सर्टिफिकेट कोर्स के तीसरे दिन  मनोविज्ञान विभाग से डॉ सुनीता सिंह ने अपने व्याख्यान में हास्य के मनोविज्ञान को छात्राओं को विस्तार से समझाया।

 लगातार तनाव भरे जीवन में हम हंसना ही भूल गए है। जिससे हर उम्र के लोगों का मानसिक स्वास्थ्य तेजी से प्रभावित हो रहा है। सभी व्यस्त है, पहले लोगों के पास साथ बैठने और हंसने बोलने का मौका ज्यादा हुआ करता था। लेकिन अब व्यस्तता और मोबाईल के कारण सभी गंभीर रहने लगे है। मनोविज्ञान में हास्य से तात्पर्य एक ऐसा अनुभव है जो हमें खुशी और आनंद का एहसास कराता है, यह आमतौर पर मजाकिया या हास्यास्पद परिस्थितियों या विचारों के प्रति हमारी प्रतिक्रिया के रूप में होता है। मनोविज्ञान में हास्य को  अनेक प्रकार से बताया गया है जैसे  हास्य के प्रकार, हास्य की उत्पत्ति, हास्य के फायदे, और हास्य के प्रभाव। उत्प्रेरक हास्य प्रथम प्रकार का हास्य है। जब हमारे दिमाग में एक चीज होती है और कोई दूसरी, यह हमें हंसाती है। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति अपनी गलती पर हंसता है। दूसरा उपेक्षा हास्य ।  जब हम किसी को खुद से कमजोर या कम बुद्धिमान देखते हैं, तो हम हस सकते हैं। तीसरा असुरक्षा हास्य । जब हम किसी समस्या या तनाव से बाहर निकलते हैं, तो हम हस सकते हैं।सामाजिक हास्य एक विशेष प्रकार है। जब हम किसी सामाजिक स्थिति में हंसते हैं, तो यह हमें दूसरों के साथ जोड़ता है। मनोवैज्ञानिक पीटर मैकग्रव का मानना है कि हास्य की उत्पत्ति किसी न किसी प्रकार की गड़बड़ी से होती है, जो कि तात्कालिक रूप से स्वीकार्य है।  हास्य लोगों को एक साथ लाता है और सामाजिक बंधन को मजबूत करता है।हास्य हमें तनाव कम करने और तनाव मुक्त करने में मदद करता है। हास्य कवि सम्मेलन में भी लोग हास्य का आनंद लेते हैं। व्याख्यान के आयोजन में विभाग के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।

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