नित्य योग, रहो निरोग": सीसीएसयू में 'रोग निवारण में योग' कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य परीक्षण शिविर
योग केवल एक दिवस नहीं, अपितु जीवनशैली है – कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला
मेरठ।चौधरी चरण सिंह विवि के योग विज्ञान विभाग में आज “रोग निवारण में योग: वैज्ञानिक शोध” विषय पर आधारित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश राजभवन के निर्देशानुसार तथा माननीय कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की परिकल्पना के अनुरूप किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. नीलू जैन गुप्ता, प्रो. कृष्णकांत शर्मा, प्रो. राकेश शर्मा, प्रो. वैशाली पाटील, डॉ. धर्मेन्द्र कुमार एवं अभियंता मनीष मिश्रा ने सहभागिता की।स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में सौ से अधिक प्रतिभागियों का शरीर वसा प्रतिशत, मांसपेशी प्रतिशत, बीएमआई, शरीर की आयु, आराम चयापचय, हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल आदि की वैज्ञानिक जांच की गई। उपस्थित विशेषज्ञों ने योग के नियमित अभ्यास से स्वास्थ्य सुधार पर शोध-आधारित मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस अवसर पर स्वयं भी स्वास्थ्य परीक्षण कराया और कहा,"योग केवल 21 जून तक सीमित नहीं, बल्कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में यह प्रतिदिन प्रातः 6 से 7 बजे तक नित्य निःशुल्क योगशाला के माध्यम से संचालित हो रहा है। यह देखना अत्यंत सुखद है कि हमारे छात्र, शोधार्थी और शिक्षक वर्ग नियमित योग कर लाभान्वित हो रहे हैं। अब तो हमारे छात्र स्वयं स्वास्थ्य परीक्षण में तकनीकी योगदान दे रहे हैं, यह विश्वविद्यालय के शोध और सेवा के लक्ष्य को चरितार्थ करता है। ‘योग सेतु’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम वैश्विक समाज को जोड़ने में भी सहभागी हैं।”कुलपति ने यह भी कहा कि योग के जरिये न केवल रोग निवारण, बल्कि स्वास्थ्य संवर्धन और आत्मिक शांति भी संभव है। उन्होंने आगामी 15 जून से 21 जून तक चलने वाले योग शिविर में अधिक से अधिक सहभागिता की अपील की।कार्यक्रम में प्रतिभागियों को बताया गया कि किस प्रकार योग शरीर की आंतरिक वसा को नियंत्रित कर मधुमेह, रक्तचाप और हृदय रोग जैसी बीमारियों से रक्षा करता है।साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रो. नीलू जैन गुप्ता ने कहा,"हमारी संस्कृति में योग आत्मा और शरीर के संतुलन का विज्ञान है। विश्वविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है कि वह योग को शोध एवं सेवाभाव से जोड़ते हुए नई पीढ़ी में जागरूकता ला रहा है।"इस शिविर को सफल बनाने में डॉ. साम्य दास, अनित कुमार, शुभम कुमार शर्मा, वैष्णवी भारद्वाज, शौन भारद्वाज, सुरजमणि त्रिपाठी, रमा रत्न, अंशिका सिंह और अक्षत का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
No comments:
Post a Comment