सैंट्रल मार्केट प्रकरण
60आवासीय संपत्तियों का आवंटन निरस्त ,व्यापारियों में मचा हड़कंप
आवास विकास ने अवमानना की कार्रवाई से बचने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन करने वाले निमार्ताओं के खिलाफ स्पीड पोस्ट मुकदमा दर्ज करने तहरीर भेजी
मेरठ। बेशक इस समय सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में अवकाश चल रहा है। लेकिन मेरठ में सैंट्रल मार्केट दुकानों के ध्वस्तीकरण मामले में आवास विकास फूंक -फूंक कर कदम रख रहा है। आवास विकास ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना से बचने के लिए अब जहां भू-उपयोग परिवर्तन कर अवैध निर्माणकत्ताओं के खिलाफ नौंचदी थाने को स्पीड पोस्ट से एफआईआर की तहरीर भेजी है। अब उन सम्पत्तियों के आंवटन का निरस्तीकरण शुरू हो गया है। जिसमें भूउपयोग परिवर्तन किया गया है।
आवास विकास के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार का कहना है कि अब तक चिन्हित 517 संपत्तियों में से 60संपत्तियों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। बाकी संपत्तियों के भी आंवटन निरस्तीकरण की कार्रवाई चल रही है। बता दें गत 17 दिसम्बर 2024 को हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ के शास्त्री नगर के सैंट्रल मार्कैट में भूखड संख्या 661/6 पर बने कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स समेत इस जैसे अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश पारित किए थे। कोई ने अपने आदेश में व्यापारियों को कॉम्पलैक्स खाली करने के लिए तीन माह का समय दिया था। इसके बाद 15 दिन के अंदर आवास विकास एवं विकास परिषद को अनाधिकृत निर्माण ध्वस्त करने का आदेश दिया था। परिषद ने बारे में कॉम्पलैक्स के सभी 22 हिस्सेदारों के साथ 523लोगों को नाेटिस मुहैया करा चुकी है। 17 मार्च को आदेश की मियाद पूरी हो चुकी है। अब इसी बीच व्यापारियों ने गत 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में टाईम एक्सटेंशन के एक याचिका दायर की थी। 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई हुई थी। जिसमें आवास विकास से तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगते हुए 15 अप्रैल को सुनवाई की तिथि नियत की थी। इस मामले में गत 28 अप्रैल को जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने टाईम एक्सेटेंशन को खारिज कर दिया था।
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