राजीव कृष्ण बने यूपी के नये डीजीपी
प्रशांत कुमार को नहीं मिला सेवा विस्तार
लखनऊ,एजेंसी। शनिवार को यूपी को नया डीजीपी मिल गया। राजीव कृष्ण को सौंपी गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें राज्य का नया डीजीपी नियुक्त कर दिया है। इससे पहले पूर्व कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन सरकार ने उन्हें रिप्लेस करने का निर्णय लिया और राजीव कृष्ण को जिम्मेदारी सौंप दी है।
राज्य सरकार ने शनिवार शाम राजीव कृष्ण को प्रदेश का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है। वे प्रदेश के लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी बने हैं। हाल के दिनों में नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर लगातार कयासबाजी चल रही थी। कई नामों पर चर्चा हो रही थी, लेकिन अंततः शनिवार को सरकार ने राजीव कृष्ण के नाम पर मुहर लगा दी।
राजीव कृष्ण, उत्तर प्रदेश कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मूल रूप से नोएडा के रहने वाले हैं और उनका जन्म 26 जून 1969 को हुआ था। अपने तीन दशक से अधिक लंबे करियर में उन्होंने प्रदेश के कई अहम पदों पर कार्य किया है। राजीव कृष्ण की छवि एक कर्मठ, तेज निर्णय लेने वाले और प्रभावशाली अफसरों में होती है। वर्तमान में वे डीजी इंटेलिजेंस और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जैसे दो अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। राजीव कृष्ण वर्तमान में सभी आईपीएस अधिकारियों में सीएम योगी के सबसे भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं।
फिर से कार्यवाहक डीजीपी
आईपीएस राजीव कृष्ण यूपी पुलिस अफसरों की कॉडर लिस्ट में 12वें नंबर है।. ऐसे में संघ लोक सेवा आयोग से उन्हें स्थाई डीजीपी के रूप में मान्यता नहीं मिल पाएगी। इसके लिए उन्हें मार्च तक इंतजार करना होगा। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि तब तक डीजी रैंक के कई अफसर रिटायर हो चुके होंगे।
कहां-कहां रहे तैनात
आईपीएस राजीव कृष्ण की पहली तैनाती बतौर प्रशिक्षु आईपीएस प्रयागराज (उस वक्त इलाहाबाद) में हुई थी। इसके बाद राजीव कृष्ण बरेली, कानपुर और अलीगढ़ में एएसपी के तौर पर तैनात रहे। 10 मार्च 1997 को राजीव कृष्ण को पहली बार जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्हें फिरोजाबाद का एसपी बनाया गया। इसके बाद इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, लखनऊ और बरेली के एसएसपी रह चुके हैं। इसके बाद वह लखनऊ के डीआईजी और मेरठ रेंज के आईजी बने। इसके बाद 2018 में उन्हें लखनऊ जोन का एडीजी बनाया गया था. वह आगरा जोन में भी एडीजी रहे हैं।
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