सीएचसी की जांच करने रात में पहुंचेंगे बड़े अफसर

प्रदेश के अपर स्वास्थ्य निदेशकों को सौंपी गयी जिम्मेदारी 

 निजी अस्पतालों को टक्कर देने के लिए लिए लिया गया फैसला 

 मेरठ। मेरठ समेत प्रदेश   के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को रात में भी क्रियाशील किया जाएगा ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ को रात में भी सीएचसी पर मौजूद रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रात में सीएचसी का दौरा करने पहुंचेंगे। अगर स्टाफ नहीं मिला तो उनके खिलाफ कार्यवाही होगी।

 शासन ने सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को सीएचसी को रात में खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 856 से अधिक है। हर सीएचसी के तहत तीन से पांच तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। अस्पतालों का यह नेटवर्क सरकारी स्वास्थ्य रात में डॉक्टर-स्टॉफ के नहीं रहने की शिकायतों के बाद कदमउठाया  है। 

अपर स्वास्थ्य निदेशकों को सौंपी गई व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी

व्यवस्था की रीढ़ है। प्रदेश के तमाम सीएचसी दिन में तो बेहतर सेवाएं दे रहे हैं लेकिन अधिकांश में रात के समय सन्नाटा पसरा रहता है। लोगों को रात में कोई दिक्कत होने पर निजी अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है। चिकित्सक और स्टाफ को वहीं निवास के लिए पूर्व में भी आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया। अब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। वे जिलों में सभी सीएचसी कोरात में भी क्रियाशील बनाएंगे। 

मरीजों को मिलेगी राहत 

 रात के समय सीएचसी के क्रियाशील होने से देहात के मरीजों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। दरअसल देहात में प्राइवेट अस्पताल कम होते है। इस कारण मरीजों की तबियत खराब होने पर रात के समय भटकना पड़ता है। देरी होने से कई बार देखा गया है मरीजों की मौत हो जाती है। अब सरकार के इस फैसले से ऐसे मरीजों को रात के समय भटकना नहीं पडेगा । 

 बोले अधिकारी 

 अपर निदेशक परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य डा. अशोक तालियान ने बताया शासन के आदेश आ गये है। उस पर अमल शुरू कर दिया गया है। सभी सीएचसी प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गये है। 


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