ऑनलाइन व्यापार एवं दवा कंपनियों की मनमानी से व्यापारियों में रोश

 मेरठ ।  ऑनलाइन दवाइयां जो सप्लाई की जा रही है उससे दवा व्यापारियों  का व्यापार प्रभावित हो रहा है एवं उसमें ऑनलाइन के द्वारा जो दवाई दी जा रही है उनकी गुणवत्ता पर भी हमेशा शक बना रहता है ऑनलाइन दवा की सैंपलिंग होनी चाहिए जिससे उसकी गुणवत्ता साबित हो सके  अगर वह आधेमानक या नकली पाई जाती है तो ऐसे एजेंसी पर देश व्यापी कार्रवाई होनी चाहिए।

  जो भी डॉक्टर अपने यहां क्लिनिक के नाम पर दवाइयां बेच रहे है उन पर रोक लगाई जानी चाहिए और उनकी गुणवत्ता की जांच हर 3 महीने में एक बार होनी चाहिए आजकल एक नया चलन बन गया है कि फूड के रूप में एलोपैथिक डॉक्टर दवाइयां लिख रहे हैं जिसकी गुणवत्ता पर संदेह है फूड विभाग को इन फूड ग्रेड की दवाइयां के लगातार सैंपल कराया जाए और उनकी एमआरपी का मापदंड तय किया जाए।

 डॉक्टर मरीज को बाहर से दवा लाने से रोकते हैं वह समाप्त की जानी चाहिए मरीज को कहीं से भी  बिल एवं बैच नंबर के साथ दवाई खरीदने का अधिकार है वह उसको मिलना चाहिए इसकी आड़ में मरीज का महंगी दवाई को लेकर उसका मजबूर/उत्पीड़न नहीं करना चाहिए 

इन तीनों बिंदुओं को लेकर शुक्रवार को आधे दिन का बाजार बंद कर विरोध किया जाएगा और अगर इस पर रोक नहीं लगी तो मजबूर होकर  हमें शीघ्र ही सभी संगठनों के साथ बैठक कर पूरे जिले के दवा व्यापारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी और ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी हम लोग आंदोलन करेंगे जो डायरेक्ट नर्सिंग होम हॉस्पिटल और डॉक्टर को दवाई सप्लाई कर रहे हैं इसमे सभी संगठन की सहमति है  । अन्य संगठन   दवा व्यापारियों के हित के लिए इसमें अपना सहयोग करें नरेश चंद गुप्ता  ,रजनीश कौशल ,मनोज शर्मा,राजीव ग्रोवर ,सुनील अग्रवाल, हेमंत बंसल, शहजान अंसारी आदि उपस्थित है


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