बेटे को मिली आईपीएस रैंक तो भावुक हुए इंस्पेक्टर पिता

पढाई के चलते दुनियादारी भूले अभिनव 

मेरठ।देहली गेट थाने के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र शर्मा के बेटे अभिनव की यूपीएससी में 130वीं रैंक आई तो मारे खुशी के आंखें नम हो गई। बोले, ये तो पीढ़ियों वाला काम हो गया। यकीन ही नहीं हो रहा कि मेरा बेटा इतना बड़ा अफसर बन गया है। कहने लगे कि बेटा दिन-रात कमरे में पढ़ाई करता था। मैं कहता था बेटा बाहर की दुनियादारी भी देख लो। लेकिन अभिनव हमेशा यही कहता कि पापा अपना, आपका और परिवार का सपना पूरा करना है।

इंस्पेक्टर रमेशचंद शर्मा ने बताया कि बेटे को हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया। बचपन में जब ट्रेन में जाते तो बेटे को जनरल बोगी में ले जाकर दिखाया करते कि देखो जो नहीं पढ़ते हैं, वो कैसे जीवन जीते हैं। फिर एसी बोगी दिखाकर कहते कि जो पढ़ते हैं उनका जीवन कैसे होता है।

रमेश चंद्र शर्मा बताते हैं कि उनके बेटे को दुनियादारी नहीं आती। अगर उनका बेटा अदरक लेने जाए और दुकानदार उनसे 500 रुपये मांग ले, तो वो उतने ही पैसे देकर चले जाएंगे। उनके बेटे को पढ़ाई के अलावा कुछ नहीं भाया नहीं। उन्हें आज तक आलू-प्याज-टमाटर का रेट तक नहीं पता है।

अभिनव बताते हैं कि उन्होंने बचपन से ही पिता को वर्दी में देखा। उनका सपना था कि वह सिविल सर्विस में जाएं। इसके चलते उन्होंने सिविल सर्विस को ही चुना। आईआईटी में एडमिशन होने के बाद उन्होंने घर वालों से कहा कि वह इंजीनियरिंग में नहीं सिविल सर्विस में करियर बनाना चाहते हैं, परिवार वालों ने उनकी हां में हां मिलाई तो वह तैयारी में जुट गए। दो बार असफलता मिली। तीसरी बार भारतीय पोस्टल सर्विस में चयन हुआ। इसके बाद भी वह लगातार जुटे रहे।आखिरकार चौथे प्रयास में उनकी यूपीएससी में 130 में रैंक आ गई। पिता रमेश चंद शर्मा इसलिए खुश हैं कि उनको लग रहा है कि बेटे को रैंक के आधार पर आईपीएस मिल जाएगा। वह पोस्ट जिस पोस्ट के अधिकारियों को वह रोजाना सैल्यूट करते हैं। बेटे को भी वर्दी पसंद है इसलिए उन्होंने भी अपनी पहली च्वाइस आईपीएस भरी है। रमेश चंद शर्मा बताते हैं कि बेटा अगर उत्तर प्रदेश कैडर में आईपीएस बना तो उसको सैल्यूट करते हुए उनको सबसे ज्यादा फक्र होगा। वो दिन उनकी जिंदगी का सबसे खास दिन होगा।अभिनव शर्मा युवाओं को संदेश देते हैं कि अगर आप लगातार मेहनत करते हैं, असफलता के सामने हार नहीं मानते हुए अध्ययन करते हैं तो सफलता आपको मिलकर रहती है।यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर रमेश चंद शर्मा के परिवार में पत्नी शालिनी शर्मा गृहणी हैं। दो बेटे अभिषेक और अभिनव हैं। परिवार वर्तमान में बरेली में रहता है। वे मूल रूप से बदायूं दातागंज के पडेली गांव के रहने वाले हैं।

अभिनव शर्मा को चौथे प्रयास में ये सफलता मिली। उन्होंने बिना कोचिंग के सफलता पाई है। तैयारी के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। अभिनव को हिंदी साहित्य पसंद है। अभिनव के बड़े भाई अभिषेक शर्मा बरेली में डॉक्टर हैं। दादा खूबराम शर्मा सेवानिवृत प्रधानाध्यापक हैं। अभिनव ने आईआईटी पटना से सिविल इंजीनियरिंग में वर्ष 2020 में बीटेक किया। उनकी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई मुरादाबाद के पीएमएस इंटर कॉलेज से हुई।अभिनव बताते हैं कि उन्होंने यूपीएससी की प्रथम परीक्षा 2021 में दी। पहले प्रयास में वे प्री भी क्वालीफाई नहीं कर पाए। इसके बाद अपने दूसरे प्रयास में वे साक्षात्कार तक पहुंचे लेकिन फाइनल चयन नहीं हो पाया।

तीसरे प्रयास में 2023 में उन्होंने सफलता प्राप्त की लेकिन रैंक अच्छी नहीं होने के कारण उनको इंडियन पोस्टल सर्विस मिली। जिसके बाद उन्होंने 2024 में चौथे बार परीक्षा दी। अभिनव कहते हैं कि असफलता से कभी घबराना नहीं चाहिए। असफलता को चुनौती समझकर तैयारी करनी चाहिए। अगर आप हिम्मत नहीं हारते हैं और लगातार अपने टारगेट को पाने के लिए परिश्रम करते रहते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है।वे कहते हैं कि सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण नहीं धीरज खोते, कांटों को गले लगाते हैं, विघ्नों में राह बनाते हैं। अभिनव अपनी इस सफलता का श्रेय माता पिता, रिश्तेदार, दोस्त और भगवान को देते हैं।

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