वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन मामला पहुंचा शीर्ष कोर्ट

 बंगाल हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग
नई दिल्ली (एजेंसी)।
वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन का मामला शीर्ष कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी दो याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें नए लागू किए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है।
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर इलाके में वक्फ कानून से जुड़ी हिंसा की ताजा घटनाएं 14 अप्रैल को हुईं। इस बीच पुलिस का दावा है कि पिछले दंगों के केंद्र मुर्शिदाबाद में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है।

एक जनहित याचिका वकील शशांक शेखर झा ने दायर की, जिसमें हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की गई। इसके अलावा एक अन्य याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की, जिसमें राज्य में हुई हिंसा की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग की गई।
याचिका में राज्य सरकार को लोगों की जान-माल की सुरक्षा के निर्देश देने की मांग की गई। इसके साथ ही हिंसा पर शीर्ष अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों मुख्य रूप से सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हुए थे।

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