शेयर मार्केट की गिरावट
इलमा अज़ीम 
ट्रंप ने जो टैरिफ लागू किए हैं, उनका असर भारतीय उद्योगों पर पड़ा है। खासकर हमारे एक्सपोर्ट्स पर यह नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। भारतीय शेयर बाजार में  आई गिरावट पर शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसके पीछे अमेरिका के ट्रंप प्रशासन और केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
 प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस भारी गिरावट के कारण न केवल शेयर बाजार बल्कि देश की समग्र आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जब से ट्रंप प्रशासन ने रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किए हैं, उससे कोई भी देश नहीं बच पाया है। भारत पर 27 प्रतिशत टैरिफ्स लगाए गए हैं, इससे हमारी कई इंडस्ट्रीज पर असर पड़ेगा। खासकर हमारे एक्सपोर्ट्स पर इसका बड़ा प्रभाव होगा। 


सरकार को इस मुद्दे पर संसद में एक व्यापक चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दों पर बहस हो रही थी।" इससे सवाल उठता है कि क्या सरकार ने छोटे और रिटेल निवेशकों के लिए कोई ठोस कदम उठाए हैं। शेयर बाजार में 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और अब निवेशकों में भय का माहौल है। आरोप यह भी है कि सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए विपक्ष को विश्वास में लेने की कोई कोशिश नहीं की। इस समय सरकार को समाधान प्रस्तुत करना चाहिए था, ताकि जनता को भरोसा मिल सके और इस संकट से उबरने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा सकें। 


प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा, "हम देख रहे हैं कि पूरी दुनिया में शेयर बाजार गिर रहे हैं और अब भारत में भी वही स्थिति देखने को मिल रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या सरकार ने छोटे निवेशकों को बचाने के लिए कोई कदम उठाए हैं या नहीं।" जरूरत इस बात की है कि इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि निवेशकों को राहत मिल सके और उन्हें विश्वास हो कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा। इस समय सरकार को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कैसे भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्योगों को इस संकट से बाहर निकाला जा सके।

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