किनौनी शुगर मिल का पेराई सत्र का हुआ समापन
400 करोड़ से ज्यादा भुगतान बकाया हे मिल पर
वर्ष 2025 में एक भी दिन का भुगतान शुगर मिल ने नहीं किया
जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बकाया भुगतान को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया
मेरठ। शनिवार को किनौनी शुगर मिल का वर्ष 2024-2025 का पेराई सत्र आज समाप्त हो गया । पेराई सत्र समाप्ति के साथ ही किसानों का शुगर मिल पर लगभग 400 करोड़ से अधिक का गन्ना भुगतान बकाया है।
गौरतलब है कि शुगर मिल ने वर्ष 2025 में लिए हुए गन्ने का एक कौड़ी का भी भुगतान नहीं किया है। लगभग 110 दिन का भुगतान पेंडिंग है। जबकि मिल का पेराई सत्र लगभग मात्र 150 दिवस का रहा इस हिसाब से शुगर मिल मात्र चौथाई भुगतान कर पाई है।
जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि भुगतान बकाया को लेकर पूर्व में 26 जनवरी को एक आंदोलन संगठन एवं क्षेत्रीय किसानों द्वारा मिल गेट पर किया जा चुका है परन्तु आज मिल बंद होने पर भी 75% गन्ना भुगतान बकाया है। जिसे लेकर क्षेत्रीय किसान एवं संगठन बेहद नाराज है। किसानों ओर संगठन कार्यकर्ताओं ने इसे जिला प्रशासन का किसान की ओर ध्यान न देना बल्कि मिल प्रबंधन से सांठगांठ होना बताया कि जिला प्रशासन एवं मिल की सांठगांठ के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री की भी बदनामी हो रही हे और किसान के हालत बदतर हो गए। क्षेत्रीय किसान समय से अपने बच्चों के विवाह नहीं कर पा रहा हे अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में अच्छी शिक्षा नहीं दिला पा रहा है। किनोनी शुगर मिल के किसान पर सर्वाधिक कर्ज हे और किसान आत्महत्या को मजबुर है। संगठन एवं क्षेत्रीय किसानों द्वारा लगातार जिलाधिकारी वीके सिंह को इस स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। परन्तु जिलाधिकारी भी इस और संज्ञान नहीं ले पा रहे है।
जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि संगठन जल्द क्षेत्रीय किसानों के साथ बैठककर एक आंदोलन की रणनीति तैयार करेगा और जल्द फसल कटाई , बुवाई के उपरांत जिलाधिकारी कार्यालय पर एक बड़े आंदोलन का बिगुल संगठन फूंकने का कार्य करेगा। मिल प्रबंधन जानबूझकर भुगतना रोककर मोटा ब्याज कमाता हे और किसान को मजबूर करता है। भाकियू संगठन किसानों के साथ खड़ा हे और जल्द सबको साथ लेकर आंदोलन की शुरुआत करेगा।
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