नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी का बड़ा एक्शन
राहुल-सोनिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
नयी दिल्ली,एजेंसी।नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। जांच एजेंसी ने ये चार्जशीट राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर की गई है। मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिसमें 25 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर फिलहाल कांग्रेस पार्टी कानूनी सलाह ले रही है। वकीलों की सलाह लेकर वो आधिकारिक रूप से अपना पक्ष रखेगी।
जांच एजेंसी अभी तक एजेएल (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) और यंग इंडिया की करीब 751.9 करोड़ रुपये कीमत की प्रॉपर्टी जब्त कर चुकी है। आरोप है कि करोड़ों की कीमत की ये प्रॉपर्टी अपराध से अर्जित आय से खरीदी गई थी। ईडी ने पीएमएलए के तहत जब्ती की ये कार्रवाई दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में की है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, 661.69 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी एजेएल जबकि करीब 90.21 करोड़ रुपये की प्रॉपटी यंग इंडिया से जुड़ी है।
जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के इस एक्शन को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, ईडी ने सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के आधार पर नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
बता दें कि ईडी ने साल 2014 में दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर एजेएल और यंग इंडिया के खिलाफ पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी। इस दौरान पाया गया कि मामले से जुड़े आरोपियों ने मेसर्स यंग इंडियन के जरिये एजेएल की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। मेसर्स एजेएल को समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी।
एजेएल को चुकाना था इतना कर्ज
एजेएल ने 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया। फिर संपत्तियों का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया। एजेएल को 90.21 करोड़ का कर्ज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को चुकाना था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने 90.21 करोड़ रुपये के इस कर्ज को माफ कर एजेएल को साजिशन एक नई कंपनी मेसर्स यंग इंडियन को महज 50 लाख रुपये में बेच दिया।इसके बाद यंग इंडिया के शेयर गांधी परिवार और उनके क़रीबियों को दे दिए गए। यानी एजेएल की करोड़ों की संपत्ति और यंग इंडिया के जरिये परोक्ष रूप से गांधी परिवार का कब्जा हो गया। हालांकि इससे पहले एजेएल ने एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग बुलाई और रेसोलुशन पास किया।
सोनिया-राहुल से हो चुकी है पूछताछ
इसके बाद एजेएल में 1000 से अधिक शेयरधारकों की शेयरधारिता घटकर मात्र 1% रह गई और एजेएल यंग इंडिया की सहायक कंपनी बन गई। यंग इंडिया ने एजेएल की संपत्तियों पर भी कब्जा कर लिया. इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा और सुमन दुबे आरोपी हैं। ईडी इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ भी कर चुकी है।
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