"9 मई को सर्व समाज करेगा क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल  को नमन सगोष्ठी

" भारत सरकार, राज्य सरकारों के मंत्रियों सहित देशभर के प्रबुद्ध व्यक्ति संगोष्ठी में होंगे शामिल"

  मेरठ।   धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ की प्रबंध कार्यकारिणी की बौद्धिक परामर्श बैठक एफ-13, अभिवादन भवन, शास्त्री नगर में संपन्न हुई। बौद्धिक परामर्श बैठक की अध्यक्षता प्रमुख उद्योगपति एवं समाजसेवी डॉक्टर उमेश पटेल ने की ।  उमेश पटेल  ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस बैठक का उद्देश्य 9 मई 2025 को एक बड़ा सफल कार्यक्रम आयोजित करके "1857 के क्रांतिनायक कोतवाल धनसिंह जी की संघर्षगाथा एवं शहादत को नमन" करना है। इस कार्यक्रम में सर्व समाज के प्रबुद्धजनों को सादर आमंत्रित किया जाएगा। भारत सरकार तथा राज्यों की सरकारों के मंत्री भी आमंत्रित किए गए हैं। क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल  का संघर्ष एवं शहादत का उद्देश्य समाज एवं देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाना था।

बौद्धिक परामर्श बैठक में पूर्व जी.एम.श्री बृजपाल सिंह चौहान, पूर्व कप्तान सुभाष चंद्र,  पूर्व डीएसपी बले सिंह, प्रोफेसर देवेश चंद्र शर्मा, राष्ट्रपति पदक से अलंकृत सरबजीत सिंह कपूर, प्रमुख समाजसेवी श्री राजबल सिंह ने 9 मई 2025 को होने वाले कार्यक्रम की सफलता के लिए अपना विशेषज्ञता पूर्ण बौद्धिक परामर्श किया। 

शोध संस्थान के चेयरमैन एवं धनसिंह कोतवाल के प्रपोत्र तस्वीर सिंह चपराना ने बताया की क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल जी का दृष्टिकोण बहुत विशाल था। वह क्षेत्रवाद, जातिवाद, परिवारवाद की विचारधारा के समर्थक नहीं थे। उन्होंने संपूर्ण देश की आजादी की लड़ाई की शुरुआत की थी। उनका मुख्य उद्देश्य भारत से अंग्रेजों को भगाना था तथा भारतवर्ष को आजाद करना था। जिसकी शुरुआत उन्होंने 10 मई 1857 की क्रांति का नेतृत्व करके की थी।

आज की बौद्धिक परामर्श बैठक में  बृजपाल सिंह चौहान पूर्व जी.एम., कैप्टन सुभाष चंद्र, पूर्व डी.एस.पी.बले सिंह, प्रोफेसर विवेक त्यागी, प्रोफेसर डॉक्टर देवेश चंद्र शर्मा, प्रधानाचार्य संजीव नागर, समाजसेवी राजबल सिंह, प्रधान कर्मवीर सिंह, पूर्व इंस्पेक्टर चेतन सिंह धामा, राष्ट्रपति पदक से अलंकृत सरबजीत सिंह कपूर, युवा उद्यमी भास्कर निगम, क्रांतिकारी गांव पांचली खुर्द के प्रधान धर्मेंद्र राणा, पूर्व प्रधान अनिल कुमार प्रमुख उद्योगपति डॉ.उमेश  पटेल, गौरव गुर्जर काजीपुर, हरेन्द्र भाटी आदि उपस्थित रहे।

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