नगर निगम वित्त बैठक में 1525 करोड़ का बजट पास, अगली बैठक 21 को
90 वार्डों में होंगे विकास कार्य, विपक्ष के पार्षदों का आरोप महापौर ने नहीं सुनी उनकी बात,
मेरठ। शनिवार को मेरठ नगर निगम की बजट बोर्ड बैठक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में हुई। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 का 1525.67 करोड़ रुपये का मूल बजट प्रस्तुत किया गया। निगम की कार्यकारिणी ने इस बजट को पहले ही मंजूरी दे दी थी। बैठक में इस पूरे बजट पर स्वीकृति की मोहर लग गई। यह सब प्रक्रिया मात्र एक घ्ंटे के अंदर हो गयी।
मेरठ नगर निगम की बजट बैठक में 1525 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया है, जिसमें शहर के 90 वार्डों में विकास कार्य शामिल हैं। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने हाउस टैक्स वसूली में धांधली का मुद्दा उठाया और अधिकारियों से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि सवा लाख घरों से हाउस टैक्स क्यों नहीं वसूला जा रहा है, जबकि 2.5 लाख घरों से वसूली करने पर नगर निगम की आय में 250 करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है। महापौर ने चेतावनी दी कि अगर ठीक से काम नहीं हुआ तो लखनऊ से जांच कराई जाएगी।
बजट के सभी प्रस्ताव हुए पास
महापौर हरिकांत अहलूवालिया व नगर आयुक्त सौरभ गंगवार की अध्यक्षता में नगर निगम की वित्त बोर्ड बैठक का आयोजन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित बृहस्पति भवन में किया गया। जिसमें पक्ष-विपक्ष के 90 पार्षद बैठक में रहे। इस बैठक में नगर निगम की आय-व्यय पर चर्चा की गई। इस बार नगर निगम ने आय बढ़ाने के लिए गृहकर, जल कर टेंडर, विज्ञापन संबंधित विषयों पर अनुमादित बजट प्रस्तुत किया। कहां कि नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के स्रोतों के बारे में लगातर प्रयास कर रहा हैं। इस बार बोर्ड बैठक में 1525 करोड़ का बजट पास किया गया। पार्षदों ने बीवीजी कंपनी का मुद्दा भी उठाया, लेकिन नगर आयुक्त का कहना है कि अभी कंपनी को समय दिया गया है। यदि कंपनी द्वारा कार्य व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।नगर निगम द्वारा दी जा रही व्यवस्थाओं के बारे में भी चर्चा की गई। पार्षदों को कहना है कि नगर निगम द्वारा लगातार स्ट्रीट लाइट पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन आज भी स्थिति वैसे ही है। नगर निगम के बाजारों में मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। वहां की जनता संबंधित पार्षदों से सवाल करती है। नगर आयुक्त ने पार्षदों को समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।
पार्षदों ने उठाया सफाई का मुद़दा
समाजवादी पार्षद नाजरीन शाहिद अब्बासी का आरोप है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मद के योग में 165 करोड़ 80 लाख मूल बजट में अनुमानित व्यय दर्शाया गया है। जबकि स्वच्छ भारत मिशन में 10 करोड रुपए प्रस्तावित किए गए। यानी दोनों मदो में महानगर में सफाई व्यवस्था और शहर को सुंदर और साफ सुथरा रखने के लिए 175 करोड़ 80 लख रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। उसके बावजूद भी शहर में सफाई की स्थिति बेहद खराब है। 30 से ज्यादा वार्ड में 20 से 22 स्वच्छता मित्र है। जबकि वार्डो का क्षेत्रफल बहुत बड़ा है इन वार्डो की आबादी भी लाखों की संख्या में हैं।
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