अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला स्व-सहायता समूह का समर्थन
-श्री महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह को आजीविका सहायता प्रदान करते हुए कैटरिंग मटेरियल दिया गया
-ग्रामीण महिलाएँ स्वरोजगार के माध्यम से परिवार और समाज में दे रही हैं योगदान
- कार्यक्रम के दौरान किया गया वृक्षारोपण
नागपुर, 12 मार्च, 2025: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस नारी शक्ति, समानता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह दिन दुनिया भर में महिलाओं के योगदान को पहचानने और उनके सशक्तिकरण के लिए नए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसी कड़ी में अदाणी फाउंडेशन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ग्राम पंचायत अलेसुर स्थित हनुमान मंदिर के पास 'श्री महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह' को आजीविका सहायता प्रदान की। इस पहल के तहत समूह को कैटरिंग मटेरियल प्रदान किया गया, जिससे वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
इसमें 100 कैटरिंग प्लेट्स, 200 वाटी, 2 भात निकालने के उपकरण, 4 कटोरे, 1 जर्मन बर्तन, 2 सब्जी परोसने के चमच और 2 छोटी चमच शामिल हैं। यह सभी सामग्री उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए उपलब्ध कराई गई है, ताकि आवश्यकतानुसार इनका सही उपयोग किया जा सके।
साथ ही ग्राम गोंडखैरी की सरपंच श्रीमती वर्षा अतकरी, ग्राम अलेसुर की सरपंच श्रीमती मालाबाई निकोसे, स्वयं सहायता समूह की सीआरओ श्रीमती नीता म्हस्के एवं अन्य स्वयं सहायता समूह सदस्यों का सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर वात्सल्य एनजीओ से श्री हरीश लाड, ग्राम पंचायत सदस्य श्री देवीदास मोहर्ले, ग्राम अलेसुर के उपसरपंच श्री मारुति सोनुले उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वृक्षारोपण भी किया गया। यह कार्यक्रम अदाणी फाउंडेशन की आजीविका संवर्धन योजनाओं के तहत आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करना है। वर्तमान समय में ग्रामीण महिलाएँ स्वरोजगार के माध्यम से अपने परिवार और समाज में योगदान दे रही हैं। ऐसे में इस प्रकार की सहायता से वे अपने व्यवसाय को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित कर सकती हैं और अपने कौशल का बेहतर उपयोग कर सकती हैं।
कार्यक्रम में अदाणी फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि संगठन का उद्देश्य महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर करना भी है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएँ जब संगठित होकर कार्य करती हैं, तो वे न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारती हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
समूह की एक सदस्य ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "हमें अदाणी फाउंडेशन से जो सहयोग मिला है, वह हमारे व्यवसाय को एक नई दिशा देगा। अब हम बेहतर सुविधाओं के साथ अपने खानपान सेवा को आगे बढ़ा सकते हैं और अधिक लोगों तक अपनी सेवाएँ पहुँचा सकते हैं। यह सहायता हमें आत्मनिर्भर बनने में बहुत मदद करेगी।"
कार्यक्रम के अंत में समूह की महिलाओं ने इस सहयोग के लिए अदाणी फाउंडेशन का धन्यवाद किया और भविष्य में भी ऐसे ही समर्थन की उम्मीद जताई। इस पहल से न केवल ‘श्री महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह’ को लाभ मिलेगा, बल्कि यह अन्य महिलाओं को भी स्व-रोजगार के लिए प्रेरित करेगी। इस प्रकार की पहलें महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती हैं और उनके आर्थिक विकास में सहायक साबित होती हैं।
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