आईआईएमटी विवि में भाषा और साहित्य पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित

- हिंदी और अंग्रेजी के अलावा कुछ और भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को भी सीखना आवश्यक 

मेरठ। भाषा और साहित्य किसी भी समाज का दर्पण होते हैं। आईआईएमटी विवि में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर विकास शर्मा ने हिंदी और अंग्रेजी के अलावा कुछ और भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को भी सीखना आवश्यक बताया।

भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रति बहु-विषयक दृष्टिकोण भाषा और साहित्य के प्रति अभिनव दृष्टिकोण के विषय पर आईआईएमटी विवि के मुख्य सभागार में आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रो0 डॉ0 विकास शर्मा ने बताया कि भारतीय भाषाओं के प्रति आग्रह बदलने की आवश्यकता है। हरियाणा के एसडीपीजी कॉलेज पानीपत से आई डॉ मोनिका खुराना ने भाषाओं की विविधता पर बात की। सम्मेलन के दूसरे सत्र में मुजफ्फरनगर के जैन कन्या पीजी कॉलेज से आई डॉ वंदना जैन ने अपने विचार रखे। 

आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता, प्रति कुलाधिपति डॉ. मयंक अग्रवाल, कुलपति डॉ. दीपा शर्मा व कुलसचिव डॉ. वी.वी. राकेश ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए अतिथि वक्ताओं द्वारा प्रस्तुत विचारों को बहुमूल्य बताया।

इससे पहले डॉ सुरक्षा पाल ने सभी अतिथियों का परिचय कराते हुए विषय के बारे में जानकारी दी। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. हर्षित सिन्हा ने सभी आगंतुक अतिथियों को सम्मानित करते हुए भारतीय भाषाओं और नवोन्नयन पर अपने विचार रखे। विभाग की संकाय अध्यक्ष डॉ अंशू तेवतिया ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया।

मंच संचालन नेहा राठी और महेश कुमार ने किया। व्यवस्था में डॉ0 अर्शी अंसारी और डॉ. कुसुम का विशेष योगदान रहा। दो दिवसीय सम्मेलन में आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज विभाग के अलावा इंजीनियरिंग और फार्मेसी के छात्र भी हिस्सा ले रहे हैं। 

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