भिखारी बनकर लूट करने वाला असद एनकाउंटर में ढेर
हर शहर में हुलिया बदला लंबे समय से तलाश कर रही थी पुलिस
मथुरा। मथुरा पुलिस ने एक लाख के इनामी बदमाश फाती उर्फ असद को ढेर कर दिया। असद पर 36 से ज्यादा मुकदमे थे। पुलिस लंबे अर्से से उसकी तलाश कर रही थी। वह भीखारी बनकर रेकी करता था। मारे गये बदमाश के पास से ऑटोमैटिक गन, पिस्टल, खोखे और जिंदा कारतूस मिले हैं।
एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया- रविवार तड़के पुलिस को सूचना मिली कि थाना हाईवे के कृष्णा कुंज कॉलोनी के एक घर में फाती अपने 3 साथियों के साथ छिपा है। वह पुलिस टीम के साथ वहां पहुंचे और घेराबंदी की। पुलिस को देखते बदमाश फायरिंग करते हुए भागने लगे। पुलिस ने पीछा करके बदमाशों को रुकने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने फायरिंग जारी रखी।पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इसमें एक गोली फाती के लग गई। खून से लथपथ होकर वह जमीन पर गिर पड़ा। उसे नजदीक अस्पताल लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसएसपी ने बताया- अंधेरे का फायदा फाती के तीनों साथी फरार हो गए। जगह-जगह बैरिकेडिंग पर उनकी जंगलों में तलाश की जा रही है। एनकाउंटर के दौरान बदमाशों की एक गोली मेरे बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी, जोकि जैकेट में ही फंस गई।
मथुरा पुलिस के मुताबिक, असद पुत्र यासिन हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर का रहने वाला था। वह छैमार गिरोह का सरगना था। उस पर 36 से ज्यादा लूट, डकैती और हत्या के केस दर्ज थे। यूपी के अलावा राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी FIR दर्ज थीं। उसके पास से ऑटोमैटिक गन, पिस्टल, खोखे और जिंदा कारतूस मिले हैं।
12 से अधिक नाम, हर शहर में नाम और हुलिया बदलता था
बदमाश फाती का एक नाम नहीं, बल्कि वसीम, असद, पहलवान, बबलू, यासीन, मोहसिन समेत 12 नाम थे। फाती जिस नए शहर में जाता, वहां नए नाम के साथ रहने लगता, ताकि पुलिस उसे पकड़ न सके। नाम के साथ-साथ वह अपना हुलिया भी बदलता रहता था।पुलिस के मुताबिक, फाती के गिरोह में घुमंतू जाति के सैकड़ों सदस्य शामिल हैं। सदस्यों के पास अलग नाम और पते के आधार कार्ड और वोटर आईडी भी होती थीं। 2016 में फाती को एसटीएफ लखनऊ यूनिट ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया था कि लूट और डकैती करना उसका खानदानी पेशा है।उसे जेल भेजा गया था, लेकिन उसने फर्जी जमानतदार लगाए थे। जेल से बाहर आने के बाद वह फरार हो गया। उसके जमानतदार भी नहीं मिल रहे थे। 2021 में फाती के खिलाफ जौनपुर में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था, तब उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
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