प्रिंट, टीवी एवं डिजिटल पत्रकारिता के मायने” विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार

-देश के वरिष्ठ ‘पत्रकार’ (प्रिंट एवं टीवी पत्रकार) डॉ.रामकिनकर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार  गोपाल नारसन, टेक वन के निदेशक वरिष्ठ पत्रकार इमरान जाहिद ने “राष्ट्र विकास में पत्रकारिता के मायने एवं विकसित भारत@2047 में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ” की महत्ता को बताया

-तेजी से बदलते परिदृश्य में इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया के प्रचार-प्रसार की रफ़्तार बेहद तेज, पर विश्वसनीयता के मामले में प्रिंट मीडिया आज भी सबसे ऊपर- डॉ.रामकिनकर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार / मुख्य वक्ता 

-सोशल एवं डिजिटल मीडिया सूचनाओं के प्रसार का आधुनिक माध्यम, पर कोई ‘एडिटोरियल कमांड’ ना होने के कारण कई बार भ्रामक एवं तथ्यहीन ख़बरों को मिलता है बढ़ावा- डॉ.सुधीर गिरि

-मीडिया सदियों से देश के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति, शोषितों, वंचितों एवं देश के हुक्मरानों के बीच ‘सेतू’ बनकर न्याय दिलाने का काम करता आया है- डॉ.राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति

-बढ़ते आर्थिक / सामाजिक दबावों, गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बावजूद हजारों ‘मिशनरीज पत्रकारिता’ करने वाले मीडिया बन्धुओं के कारण ‘लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता’ का सम्मान आज भी शिखर पर है- ईमरान जाहिद, वरिष्ठ प्रिंट एवं टीवी जर्नलिस्ट एवं निदेशक, टेक वन नोएडा

मेरठ। राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वेंकेटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान में ‘राष्ट्र विकास में प्रिंट, टीवी एवं डिजिटल पत्रकारिता के मायने’ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का शानदार आयोजन किया गया।जिसमे दिल्ली, देहरादून, नोएडा, चंडीगढ़ आदि जगहों से पधारें देश के वरिष्ठ पत्रकारों ने मीडिया को आम आदमी एवं सरकार के बीच का ‘सेतू’ करार देते हुए मीडिया को आम आदमी की आवाज बताया, वही दूसरी ओर डिजिटल मीडिया के तेजी से बढ़ते प्रसार को आज के परिवेश की आवश्यकता बताते हुए इसको तथ्यहीन एवं भ्रामक खबरों के प्रचार-प्रसार के अलग रहने की नसीहत दी।

श्री वेंकेटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान के टैगोर भवन में “राष्ट्र विकास में प्रिंट, टीवी एवं डिजिटल पत्रकारिता के मायने” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारम्भ समूह संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ.राजीव त्यागी, जाने-माने पत्रकार डॉ.रामकिनकर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार ईमरान जाहिद, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्णकान्त दवे, वरिष्ठ पत्रकार श्री गोपाल नारसन आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया।



अपने सम्बोधन में मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्रिंट एवं टीवी पत्रकार डॉ.रामकिनकर सिंह ने कहा कि मीडिया आम जनमानस एवं हुक्मरानों के बीच ‘ब्रिज’ का काम करते हुए देश के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की आवाज ऊपर तक पहुंचाता है | तेजी से बदलते परिवेश एवं गलाकाट प्रतिस्पर्धा में आज प्रिंट के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक एवं तेजी से प्रसारित होने के कारण अब सोशल एवं डिजिटल मीडिया का बोलबाला है | परन्तु सोशल मीडिया पर कोई सम्पादकीय नियंत्रण ना होने के कारण कई बार तथ्यहीन एवं भ्रामक खबरें / सूचनाएं प्रसारित होने से समाज में वैमनस्य की स्थिति उत्पन्न हो जाति है | इसलिए विश्वसनीयता एवं प्रमाणिकता” की कसौटी पर प्रिंट मीडिया सबसे ज्यादा प्रासंगिक है। प्रत्येक मीडिया की अपनी-अपनी अहमियत है, लेकिन हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि एक्सक्लूसिव एवं ब्रेकिंग की इस दौड़ में कही हम तथ्यहीन ख़बरें तो समाज में नही परोस रहे है । हमे ऐसी गलत प्रैक्टिस से बचना होगा ।

एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार को प्रतिकुलाधिपति डॉ.राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्णकांत दवे, वरिष्ठ पत्रकार ईमरान जाहिद, डॉ.श्री गोपाल नारसन आदि ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रधान सलाहकार प्रो.( डॉ.) वी.पी.एस. अरोड़ा, कुलसचिव डॉ. पीयूष पांडेय, डीन अकादमिक डॉ. राजेश सिंह,  डॉ. एस.एन. साहू, डॉ. राजवर्द्धन, डॉ. रमेश चौधरी, डॉ. राहुल, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. अश्विन सक्सेना, डॉ. रामकुमार, डॉ. योगेश्वर शर्मा, डॉ. विश्वनाथ झा, डॉ. अनिल जायसवाल, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. ओम प्रकाश गोसाई, डॉ. राहुल कुमार, डॉ.स्नेहलता गोस्वामी, डॉ. नीतू पंवार, डॉ. योगेश्वर प्रसाद शर्मा, डॉ.श्री राम गुप्ता, मारूफ चौधरी, अरूण गोस्वामी, मेरठ परिसर से निदेशक डॉ. प्रताप सिंह मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे ।




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