डॉ. इरशाद स्यानवी की पुस्तक मौलाना अबुल कलाम आज़ाद राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 से सम्मानित
मेरठ। अमीर-ए-निसा एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन, कडप्पा, आंध्र प्रदेश ने पिछले साल की तरह इस साल भी जनवरी से दिसंबर 2024 के दौरान विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कारों के लिए पुस्तकें प्रस्तुत करने के लिए लेखकों, कवियों और संपादकों को आमंत्रित किया था। समीक्षा के बाद पुरस्कार समिति द्वारा डॉ. इरशाद स्यानवी (प्रवक्ता उर्दू विभाग, सीसीएसयू, मेरठ) द्वारा संकलित पुस्तक “धनौरा:एक विश्लेषणात्मक अध्ययन” का मौलाना अबुल कलाम आज़ाद राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 हेतु चयन किया गया है। ये पुरस्कार आंध्र प्रदेश के कडप्पा में एक प्रतिष्ठित और भव्य समारोह के दौरान दिया जाएगा। जिसकी तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।
डॉ. इरशाद सियानवी पिछले एक दशक से अपना शिक्षण कार्य बखूबी कर रहे हैं। ये कई शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं और विभिन्न संगठनों से जुड़कर शिक्षा और उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए बहुत गंभीरता से काम कर रहे हैं। इनके दर्जन भर लेख प्रकाशित हो चुके हैं और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हो चुके हैं। आपके संपादन में अनेक पत्रिकाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। अब तक आपकी पुस्तकें, 'चाँदनी बेगम: एक अध्ययन', 'नई सदी का उर्दू उपन्यास', 'दो दशकों का उर्दू उपन्यास' तथा 'असलम जमशेदपुरी फ़न और फ़न कर' प्रकाशित होकर लोकप्रिय हो चुकी हैं।
इस अवसर पर उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी एवं शिक्षकों डॉ. आसिफ अली, डॉ. शादाब अलीम, डॉ. अलका वशिष्ठ, कार्यालय प्रभारी मुहम्मद शमशाद, सईद अहमद सहारनपुरी के अलावा फरहत अख्तर, नुजहत अख्तर, आरिफीन, शहनाज परवीन, उजमा सहर, मुहम्मद नदीम, मुहम्मद अरशद ने डॉ. इरशाद स्यानवी को बधाई दी।
No comments:
Post a Comment