फेसबुक समूह ट्रैवलर्स ग्रुप ऑफ इंडिया ने किया अनूठा आयोजन
मेरठ ।फेसबुक के माध्यम से विभिन्न प्रदेशों के लोगों को जोड़कर भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संजोने में ट्रैवलर्स ग्रुप ऑफ इंडिया लगा है।ग्रुप का एक उद्देश्य देश-दुनिया में कम पहचान रखने वाले पर्यटन स्थलों की यात्रा करना भी है। जिससे उन्हें पहचान मिल सके। इसी के साथ वहां की सांस्कृतिक विरासत से परिचित भी होना है। इसी कड़ी में इस गणतंत्र दिवस पर ट्रैवलर्स ग्रुप ऑफ इंडिया ने उत्तराखंड के खिर्सू ( जिला पौड़ी गढ़वाल) में 24 से 26 जनवरी 2025 तक समारोह का आयोजन किया।
ट्रैवलर्स ग्रुप ऑफ इंडिया वर्ष 2020 से एक गैर लाभकारी पारिवारिक फेसबुक समूह है। इस ग्रुप में मेरठ के मूल निवासी राकेश कटारिया सहित 15 एडमिन हैं। वर्तमान में ग्रुप के लगभग 18,000 इसके सदस्य हैं, जिसमें देश-विदेश और जीवन के हर क्षेत्र से प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हैं।
राकेश कटारिया ने बताया कि ट्रैवलर्स ग्रुप ऑफ इंडिया (टीजीआई) का वार्षिक गणतंत्र दिवस समारोह खिर्सू (पौड़ी गढ़वाल) में 24 से 26 जनवरी 2025 तक आयोजित किया गया। आयोजन में ग्रुप के 12 प्रदेशों से आये लगभग 110 घुमक्कड़ों ने भाग लिया। सभी घुमक्कड़ जीएमवीएन गेस्ट हाउस, होटल ताज हिमालय, होटल पैंया बासा और वन विभाग की हट्स जैसी खिर्सू की सुंदर संपत्तियों पर रुके।
पहले दिन सभी घुमक्कडों ने कभी गढ़वाल की राजधानी रहे ऐतिहासिक देवलगढ़ में गढों की अधिष्ठात्री इष्टदेवी माँ राजराजेश्वरी के दर्शन किये व पूजन, अर्चन किया।
शाम से देर रात्रि तक चले सत्र में सभी घुमक्कड़ों ने अपना परिचय दिया तथा सभी ने एक दूसरे का सम्मान पहाड़ी टोपी, तिरंगा बैज, तिरंगा ब्रोच, तिरंगा स्टोल आदि से किया।
दूसरे दिन घुमक्कड़ों का दल बहुत ही रमणीक रास्ते से पौड़ी गया, वहाँ यमराज की तपस्थली कंकालेश्वर मंदिर और लोकदेवता कंडोलिया ठाकुर के दरबार में नतमस्तक हुआ। सुबह से ही मौसम साफ था, विस्तृत हिमालयी श्रृंखला स्पष्ट दृष्टिगोचर थी, सो हिमालय की तमाम नाम अनाम चोटियों के दर्शन किये और जम कर फोटोग्राफी की।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर खिर्सू के ब्लॉक हॉल में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में खिर्सू के बीडीओ बुटोला, शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य जर्नादन डबराल , होटल ताज हिमालय के लक्ष्मण रावत, मरखोड़ा की ग्राम प्रधान श्रीमती मनीषा बहुगुणा व खिर्सू की ग्राम प्रधान श्रीमती नीता, ख्यातिलब्ध वरिष्ठ फोटोग्राफर प्रीतम नेगी और अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।
प्रस्तुतियों ने दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में शिशु विद्या मंदिर के छात्र छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना, जागर और 'कख हरची' पर अद्भुत प्रस्तुतियाँ दी गयीं। तत्पश्चात, महाविद्यालय की छात्राओं ने नंदादेवी रातजात पर आधारित लोकगीत 'हे नंदा हे गौरा' पर यादगार प्रस्तुति दी। इसके अतिरिक्त नीता बिष्ट ने आछरी लोकगीत और 'डयो लागी' पर प्रस्तुति दी। रेवा पोरवाल ने शिव तांडव स्त्रोत पर अभूतपूर्व प्रस्तुति दी। रेवा और विधि ने गढ़वाली मिक्स गानों पर एक साथ नृत्य किया। मिष्टी ने 'मैंने पायल है छनकायी' पर सुंदर प्रस्तुति दी। सभी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और सम्मोहन अभी तक तारी है।
डॉ शुभा पोरवाल ने उच्चस्तरीय मंच संचालन किया। मंच पर प्रकाश संयोजन और फोटोग्राफी प्रीतम नेगी ने की। वीडियोग्राफी सुरेश्वर त्रिपाठी ने की। पुष्कर रावत सर ने अंताक्षरी भी करवायी जिसका दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया, बीच बीच में प्रश्नोत्तरी हुयी, सही उत्तर देने वालों को उपहार भी दिया गया।
ग्रुप की तरफ से सभी 31 प्रतिभागियों को स्कूल बैग देकर पुरस्कृत किया गया, इसके अतिरिक्त अन्य सदस्यों की ओर से भी लगभग 15,000 रुपये के नकद पुरस्कार भी दिये गये। सभागार में उपस्थित सभी स्थानीय सहयोगियों को अडमिंस द्वारा जैकेट/ शाल पहना कर सम्मानित किया गया।
राकेश कटारिया ने बताया कि यह संयोग था कि इस पावन दिन बड़ोदा से आये शशांक देवधर और वृषाली की वैवाहिक वर्षगाँठ भी थी। किसी तरह मुंबई से आये अमित मल्होत्रा और राजपुरोहित को ये पता पड़ा तो वे पौड़ी से केक ले आये। देवधर दंपत्ति ने मंच पर ही केक काटा और सभागार में उपस्थित सभी लोगों ने युगल को शुभकामनायें दी।
तीसरे दिन, गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर ग्रुप के साथियों ने सुबह झंडारोहण किया, प्रभात फेरी निकाली और देशभक्ति के तराने गाये, तत्पश्चात प्रसाद वितरण हुआ।
इसके अतिरिक्त आचार्य भूपेंद्र शुक्लेश ने जीवन प्रबंधन और प्राणायाम पर एक सत्र का आयोजन किया। राकेश कटारिया द्वारा साबुन/ शैम्पू/ डिटर्जेंट बनाने पर एक कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें घुमक्कड़ों ने हैंड्स ऑन एक्सपेरिमेंट भी किया। जागरूकता के लिये शुभा पोरवाल द्वारा पहाड़ी उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी और उनके बारे में बताया गया तथा विपणन भी किया गया।
सांस्कृतिक विरासत, समृद्ध इतिहास और स्थानीय उत्पादों की दिखी झलक
इस आयोजन में क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत, समृद्ध इतिहास और स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। भोजन में उत्तर भारतीय व्यंजनों के अतिरिक्त स्थानीय व्यंजन भी शामिल थे, यथा मंडुये की रोटी, पहाडी दाल, झंगोरे की खीर, जख़्या वाले आलू के गुटके, भाँग/ भट्ट की चटनी आदि आदि।
इको फ्रेंडली रहा आयोजन
राकेश कटारिया ने बताया कि संपूर्ण आयोजन इको फ्रेंडली रहा और डिस्पोजेबल की जगह मालू के पत्तों का प्रयोग किया गया। ये आयोजन अनुकरणीय समुदायिक सहभागिता का जीवंत उदाहरण रहा। स्थानीय सहयोग के बिना ये ये शानदार आयोजन संभव न था। उन्होंने सभी नाम अनाम सहयोगियों का आभार जताया। इस फेसबुक समूह के जो सदस्यों आयोजन में शामिल नहीं हो पाये उन्होंने भी पोस्ट्स, फेसबुक लाइव के माध्यम से आनंद लिया।
अशोक सिंधु, लक्ष्मण सिंह रावत, मनीषा बहुगुणा, सुदेश भट्ट, विक्रम सिंह, जनार्दन डबराल, अमित अनन्त यात्री, मयंक जैन, नीता बिष्ट, निर्मला बड़थ्वाल सुरेश्वर त्रिपाठी, त्रिभुवन सिंह राणा, तरुण सारस्वत, निरुपमा शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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