परीक्षा के दौरान तनाव

 राजीव त्यागी 
परीक्षाओं के दौरान छात्रों पर तनाव एक सामान्य समस्या है, जिसका सामना लगभग हर छात्र करता है। आज के प्रतियोगी युग में छात्रों पर अच्छे अंक लाने और अपने करियर को सफल बनाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। इससे न केवल उनकी शारीरिक सेहत बल्कि मानसिक सेहत पर भी असर पड़ता है। परीक्षा के दौरान तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि माता-पिता, शिक्षक और समाज की उच्च अपेक्षाएं छात्रों पर दबाव डालती हैं। वे हर समय अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद रखते हैं, जिससे छात्रों पर तनाव बढ़ता है। सोशल मीडिया और समाज में अपने साथियों से तुलना भी तनाव को जन्म देता है। छात्र दूसरों की सफलता को देखकर अपने आप को कमतर महसूस कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को भारी मात्रा में अध्ययन सामग्री का सामना करना पड़ता है, जिससे भी तनाव बढ़ता है।


तनाव को कम करने के लिए सबसे पहले छात्रों को अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना चाहिए। इसके बाद परीक्षा की तैयारी के लिए एक सही योजना बनाएं और उसका पालन करें। समय का सही प्रबंधन और कार्यों की प्राथमिकता तनाव से बचाने में मदद कर सकती है।
 छात्रों को अपने नकारात्मक विचारों को त्याग कर सकारात्मक सोच को अपनाना चाहिए क्योंकि नकारात्मक विचार हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। छात्रों को अपने दोस्तों और परिवार के साथ थोड़ा समय बिताना चाहिए, जिससे तनाव कम हो। ध्यान और योग का अभ्यास मानसिक शांति प्रदान करता है इससे परीक्षा में ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलेगी। 


छात्रों को यह समझना चाहिए कि परीक्षा केवल एक चरण है, उनकी सफलता केवल अंक नहीं, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। परीक्षा को केवल अपने ज्ञान का आकलन करने का एक अवसर समझें, न कि किसी बोझ की तरह लें। सही योजना, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ वे परीक्षा में जरूर सफल होंगे।

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