नव वर्ष पर नई उम्मीदः निक्षय मित्र बनकर दें किसी को नया जीवन : सीएमओ 

जनपद के उद्योगपतियों और व्यवसायियों से विशेष अपील

मेरठ। नया साल नई शुरुआत का प्रतीक है। जनपद में क्षय (टीबी) रोग उन्मूलन की दिशा में आप अपना अमूल्य योगदान देकर इस नव वर्ष को और भी खास बना सकते हैं। इस साल देश को टीबी मुक्त भारत करने का लक्ष्य है। जिले  में वर्तमान में  क्षय रोगी इस बीमारी से जूझ रहे हैं, जिनमें से 17400 मरीजों का इलाज चल रहा है। इन्हें न केवल दवा, बल्कि पोषण, मानसिक सहयोग और नियमित देखभाल की भी आवश्यकता है। 

सीएमओ डा. अशोक कटारिया ने नव वर्ष के अवसर पर समाज के प्रबुद्ध वर्ग, धर्मगुरु, उद्योगपतियों और व्यवसायियों से अपील की कि वे आगे आकर निक्षय मित्र बनें। उन्होंने कहा,2025 सिर्फ एक नया साल नहीं, बल्कि टीबी मुक्त मेरठ के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने का अवसर है। आपका योगदान न सिर्फ मरीजों के जीवन को संवार सकता है, बल्कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भी अहम भूमिका निभा सकता है। 

डीटीओ डा. गुलशन राय ने  बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत इलाजरत सभी मरीजों को 1000 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही समुदाय का सहयोग आवश्यक है। अब तक 329 निक्षय मित्र बने हैं, जिन्होंने  5197मरीजों को गोद लिया है। इनमें अधिकांश सरकारी अधिकारी और कर्मचारी व सामाजिक संस्थाए है। विभाग की ओर से 9471 पोषण कीट प्रदान की गयी।  उन्होंने  धर्मगुरुओं,उद्योगपतियों, और विभिन्न व्यवसायियों से इस अभियान में भागीदारी करने की अपील की।उन्होंने बताया में  राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मी कांत वाजपेयी ने 688  टीबी मरीजों का पोषण दिया है। 

उन्होंने बताया  देश को इस टीबी मुक्त करने के लिए सौ दिन का कार्यक्रम चल रहा है। जिसमें उच्च जोखिम, डायबटिज, साठ साल से ऊपर वाले बुजुर्ग, एचआईवी, कुपोषित जिनका बीएमआई  18.5 से कम हो, जिनके घर में पहले से टीबी मरीज मिले है। ऐसे लोगों का सर्वे किया जाएगा। जिसमें एक्सरे जांच , बगलग की जांच  की जाएगी। टीपीटी के माध्यम से नये टीबी मरीजों को बनने से रोकना अभियान का हिस्सा होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से जुडे चिकित्सकों की ट्रेर्निग आरंभ हो गयी है। 

निक्षय मित्र बनने की प्रक्रिया-

निक्षय पोर्टल पर जाकर या जिला क्षय रोग अधिकारी के मोबाइल नंबर 9412558394  पर संपर्क कर पंजीकरण कर कम से कम एक रोगी की जिम्मेदारी लें सकते हैं।

निक्षय मित्र की भूमिका-

रोगी को हर महीने पौष्टिक आहार (गुड़, चना, मूंगफली, तिल, सत्तू, प्रोटीन पाउडर, फल आदि कि निक्षय पोषण पोटली) देना

 इलाज का पूरा कोर्स करने में मरीज का हौसला बढ़ाना

 मरीज की सेहत और प्रगति पर नजर रखना।

अन्य लोगों को भी इस पहल से जोड़ने के लिए प्रेरित करना।

आपके योगदान का प्रभाव-

मरीजों की रिकवरी में तेजी आएगी। उनकी जिंदगी मेंसकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह आपके उद्योग या व्यवसाय को एक मजबूत सामाजिक पहचान देगा।

टीबी के लक्षण-

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय  के अनुसार दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, वजन कम होना, भूख न लगना, थकान, और गर्दन में गिल्टी के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर निःशुल्क जांच कराएँ। क्षय रोग केवल एक मेडिकल समस्या नहीं है, यह सामाजिक और आर्थिक विकास में बाधा भी है।

 बाेले अधिकारी 



 टीबी उन्मूलन का लक्ष्य केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है। आपके छोटे से योगदान से न केवल एक मरीज की जिंदगी बदल सकती है, बल्कि आप समाज में बदलाव की एक मजबूत कड़ी भी बन सकते हैं।

डा. गुलशन राय डीटीओ, मेरठ 



टीबी उन्मूलन के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है। जनपद के माननीय जन प्रतिनिधि व ग्राम पंचायत के मुखिया का योगदान भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है। आइए नव वर्ष पर, समाज में एक नई उम्मीद जगाएं। क्षय रोगियों की सहायता करके उनकी जिंदगी में नई रोशनी लाएं। मिलकर टीबी मुक्त मेरठ का निर्माण करें।

डॉ अशोक कटारिया सीएमओ, मेरठ

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