-विश्व हिन्दी दिवस पर श्री वेंक्टेश्वरा यूनिवर्सिटी वी.जी.आई. मेरठ एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद संगोष्ठी के संयुक्त तत्वाधान में “काव्य संगोष्ठी एवं साहित्य सम्मान समारोह” का शानदार आयोजन 

-अन्तर्राष्ट्रीय कवयित्री एवं विख्यात साहित्यकार डॉ. मधु चतुर्वेदी, वरिष्ठ कवियित्री शमी त्यागी, राजभाषा सम्मान से पुरुस्कृत वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. यतीन्द्र कटारिया, कवि डॉ. श्री गोपाल “नारसन”,  वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा “अरूण”, कवियित्री रेखा रानी, कवि डा. राजेश सारस्वत समेत देश भर के दो दर्जन से अधिक विख्यात कवियों एवं हिन्दी सेवियों को शॉल, पटका एवं स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित । 

-मातृभाषा में कामकाज एवं व्यापार कर शिखर पर पहुंचने वाले चीन एवं जापान दुनिया के सबसे बड़े उदाहरण, इसलिए मातृभाषा / राष्ट्रभाषा हिन्दी का सम्मान करते हुए हर काम हिन्दी में करने की परम्परा करें शुरू- डॉ. सुधीर गिरि, चेयरमैन, वेंक्टेश्वरा समूह ।

-हिन्दी माँ भारती के मस्तक का भाल, आइये मिलकर करें पूरे विश्व में हिन्दी को गुंजायमान- डा. राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान 

मेरठ। शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान एवं वी.जी.आई. मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में ‘हिन्दी दिवस’ पर शानदार “काव्य संगौष्ठी एवं साहित्य सम्मान समारोह” का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सो से आये कवियो एवं साहित्यकारो ने हिन्दी के सम्मान में एक से एक बढ़कर शानदार प्रस्तुति देकर सभी से हिन्दी को अपने कामकाज, व्यवहार एवं व्यापार की भाषा बनाने की पुरजोर वकालत की । इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि ने प्रति कुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी के साथ मिलकर कवियों एंव साहित्यकारो को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट सम्मानित किया । 



 संस्थान के रविन्द्रनाथ टैगोर सभागार में “काव्य संगौष्ठी एवं साहित्य सम्मान समारोह” का शुभारम्भ समूह अध्यक्ष  श्री सुधीर गिरि, प्रति कुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्ण कान्त दवे,  देश की अन्तर्राष्ट्रीय कवयित्री डॉ. मधु चतुर्वेदी, डॉ. यतीन्द्र कटारिया, श्रीमती शशि त्यागी, डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा अरूण आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया । 

कवि सम्मेलन / संगौष्ठी का शुभारम्भ पर काव्य पाठ करते हुए वरिष्ठ/विख्यात कवियत्री डॉ. मधु चतुर्वेदी ने यूं कहा-“उम्र भर हमने ऐसे कसाले जिये, तम निगलते रहे पर उजाले दिये, प्यास में आँसुओ का रसायन मिला, तृप्ति के घट तुम्हारे हवाले किये ।।” सुनाकर सभी को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया । प्रतिकुलाधिपति एवं विख्यात साहित्यकार डा. राजीव त्यागी ने अपने चिर परिचित हास्य व्यंग के अंदाज में कहा कि एक हिन्दी टीचर मेरी वाइफ को हिन्दी सिखाने लगी, उनसे ज्यादा हमें भाने लगी | सुनाकर सभी को खूब हंसाया | वरिष्ठ हिन्दी सेवी एवं राज्यभाषा पुरस्कार से सम्मानित कवि डॉ. यतीन्द्र कटारिया ने हिन्दी के लिए कहा कि-“सात समुन्द्र पार है हिन्दी, भारत की जयकार है हिन्दी, विश्व पटल पर बढ़ती जाती, भारत का विस्तार है हिन्दी । वरिष्ठ कवि डॉ. राजेश सारस्वत ने कहा कि- लोग कहते है कि तू अब भी खफा है मुझसे, पर तेरी आँखो ने तो कुछ और ही कहा है मुझसे ।” वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा अरूण ने कहा कि शिकवा करने गये थे, इबादत सी हो गयी, तुझे भूलने की जिद थी, पर तेरी आदत सी हो गयी ।।” सुनाकर खूब वाहवाही लूटी । कवि संगौष्ठी को वरिष्ठ कवि डॉ. श्री गोपाल “नारसन”, डॉ. अंजना व्यास, वरिष्ठ कवियित्री शशि त्यागी, रेखा रानी, वरिष्ठ कवि डा. राजेश सारस्वत डा. इन्दुरानी, आकृश त्यागी आदि ने सम्बोधित किया । 

इस अवसर पर सी.ई.ओ. अजय श्रीवास्तव, आर.एस. शर्मा, कुलसचिव डॉ. पीयूष पाण्डेय, डॉ. राजेश सिंह, डी.पी. सिंह, डॉ. लक्ष्मण सिंह रावत, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. एस.एन. साहू, डॉ. राजवर्द्धन, डॉ. रमेश चौधरी, डॉ. राहुल, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. अश्विन सक्सेना, डॉ. रामकुमार, डॉ. मोहित शर्मा, डॉ. योगेश्वर शर्मा, डॉ. अनिल जायसवाल, मारूफ चौधरी, अरूण गोस्वामी, राजीव सिंह, विशाल शर्मा, एस.एस. बघेल, मेरठ परिसर से डॉ. प्रताप सिंह, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे । कार्यक्रम का शानदार संचालन डा. स्नेहलता गोस्वामी एवं रिपोर्टिंग श्री राम गुप्ता ने किया ।

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