सपा ने केएमसी हॉस्पिटल के खिलाफ खोला मोर्चा
आरोपी चिकित्सक का लाइसेंस रद्द करने की मांग की
मेरठ। बुलंदशहर महिला की केएमसी के चिकित्सकों द्वारा किडनी निकालने के मामले में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज होने पर केएमसी हॉस्पिटल की परेशानी बढ़ाने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने CMO कार्यालय पर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं ने मांग की ऐसे जल्लादों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने अस्पताल के चिकित्सक जो किडनी निकालने के मामले में लिफ्ट पाए गए हैं उनके लाइसेंस रद्द करने की मांग की।
सम्राट मलिक ने कहा कि सुना है कि डाक्टरों को भगवान दर्ज दिया गया है लेकिन के.एम.सी अस्पताल के इस खबर ने डाक्टरों से भरोसा उठा लिया है।
बुलन्दशहर निवासी कविता का अपरेशन छः साल पहले मेरठ के के.एमसी अस्पताल में हुआ था उसकी वक्त उसकी किडनी वहां के छः डाक्टरों की मिलीभगत से बेच दी गयी। कविता को ढाई साल बाद उसके पेट में दर्द है तो उसने अपना अल्ट्रासाउंड कराया जिससे उसे पता चला उसके अन्दर उसकी किड़नी नहीं है। उसके बाद से वह सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही थी अब कोर्ट ने के.एम.सी. अस्पताल मालिक समेत छः डाक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
हम पूछना चाहता हूं कि एक कविता की किडनी निकली उसे पता चला बात खुल गई क्या और लोगों के साथ ऐसा नहीं हुआ होगा मैं दावे से कहता हूं यह एक बडा किडनी गैंग मेरठ में सक्रिय यह अफसरों की मिलीभगत व सरकार के संरक्षण के बिना नहीं चला सकता। इस मामले की जांच जरूरी है इस अस्पताल को सील कर इसकी जांच कराई जाए कि किडनी निकाल कर कहां बेची जा रही थी। कौन-कौन लॉग इसमें शामिल है। पुलिस प्रशासन से भी अपील है ऐसे प्रवृत्ति डाक्टरों को तुरन्त जेल भेजा जाए।
उन्होंने कहा कि इस मामले में अस्पताल के आरोपी चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वह इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कटारिया ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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