गणत्रंत दिवस विश्व ने देखी कर्तव्य पथ पर भारत की ताकत 

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने भव्य समारोह के गवाह

नयी दिल्ली ,एजेंसी। रविवार को राजपथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर विश्व ने भारत की ताकत को देखा। इसके गवाह बने  इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो। जिन्होंने देश की ताकत को राजपथ से गुजरते हुए देखा। राष्ट्रपति मुर्मू ने तिरंगा फहराया और फिर राष्ट्रगान की धुन बजाई गयी। मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित वहां मौजूद सभी गणमान्य लोगों ने झंडे को सलामी दी। परेड समारोह के लिए मुर्मू और सुबियांतो पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे। इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि हैं। इसके साथ ही वह विश्व के उन चुनिंदा नेताओं की सूची में शुमार हो गए जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े समारोह की शोभा बढ़ाई है। 

भारतीय वायुसेना की 129 हेलीकॉप्टर यूनिट के एमआई-17 हेलिकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर उपस्थित अतिथियों और दर्शकों पर पुष्प वर्षा की।परेड में इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ता भी भाग लिया।औपचारिक परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले वाद्ययंत्रों पर ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन बजाकर की गई।दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार परेड कमांडर थे, जबकि परेड सेकेंड-इन-कमान, दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) मेजर जनरल सुमित मेहता थे।परमवीर चक्र और अशोक चक्र सहित सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के विजेता भी परेड का हिस्सा थे।इनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) और अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल थे।



कर्तव्य पथ पर बिहार की झांकी में नालंदा विश्वविद्यालय, बौद्ध विरासत को प्रदर्शित किया गयागणतंत्र दिवस परेड में  बिहार की झांकी में बोधि वृक्ष और ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व के जरिये राज्य की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया गया।राज्य की झांकी ने आठ साल के अंतराल के बाद कर्तव्य पथ पर, 76वें गणतंत्र दिवस परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ के प्रमुख विषय के साथ, रंग-बिरंगी झांकी प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के साथ सबसे अलग दिखी। झांकी में, उसके खंडहरों के चारों ओर बौद्ध भिक्षुओं को बैठे हुए दिखाया गया है। झांकी के अगले हिस्से में भगवान बुद्ध की ध्यानमग्न ‘धर्मचक्र मुद्रा’ में बैठी प्रतिमा थी, जो शांति और सद्भाव का प्रतीक है। मूल प्रतिमा राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर के घोड़ा कटोरा जलाशय में स्थित है।कर्तव्य पथ पर दिखी भारत की सैन्य शक्ति और विविधिता की झलकगणतंत्र दिवस पर यहां रविवार को आयोजित भव्य परेड में कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य शक्ति, कला एवं संस्कृति, विविधिता और सरकारी योजनाओं की सफलता की झलक देखने को मिली।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी भारतीय लोकतंत्र के इस भव्य आयोजन के साक्षी बने। देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी और देश-विदेश के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। परेड समारोह के लिए मुर्मू और सुबियांतो, पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे। यह परंपरा 40 साल के अंतराल के बाद 2024 में फिर से शुरू की गई थी।


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