मेरठ कॉलेज में 76 वें गणतंत्र दिवस पर हुआ भव्य कार्यक्रम 

संविधान की सुरक्षा से ही होगी राष्ट्र रक्षा: डॉ ओपी अग्रवाल 

अपने कर्म क्षेत्र में योगदान से ही होगा राष्ट्र का विकास: प्रो मनोज कुमार रावत 

मेरठ।  मेरठ कॉलेज के प्रांगण में शहीद मंगल पांडे सभागार में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मेरठ कॉलेज के प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष डॉ ओपी अग्रवाल ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपाध्यक्ष  अमित बंसल कार्यक्रम में विद्यमान रहे। मेरठ महानगर भाजपा के महानगर अध्यक्ष  सुरेश चंद्र जैन ऋतुराज भी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में मेरठ कॉलेज के प्रांगण में विद्यमान महात्मा गांधी की मूर्ति एवं शहीद ए आजम भगत सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण कर प्रो मनोज रावत, डॉ ओपी अग्रवाल,  अमित बंसल,  जयवीर सिंह,  अनुराग गौर इत्यादि ने इन ऐतिहासिक विभूतियों को स्मरण किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर ओपी अग्रवाल ने बताया किआज इसी दिन 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागु हुआ था। भारतीय संविधान डॉ0 भीमराव अम्बेडकर  की अध्यक्षता में बना। इसे बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। भारत के लिये गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व ही नही बल्कि गौरव और सम्मान है। कई वर्षों के कड़े संधर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और प्राणों की आहुति के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। 



एक समय था जब भारत अंग्रेजों की गुलामी में जकड़ा हुआ था। लेकिन आज भारत एक आजाद देश है। इसलिये हमारा दायिव्व हें की हम स्वंतंत्रता को बर्बाद न करें। भारत के विकास में अपना सहयोग दें और एक विकसित देश बनाये।इसमें शिक्षकों की जिम्मेदारी सबसे अधिक आ जाती है क्योंकि कल का भारत युवाओं में बसता हैं और युवाओं के साथ आप हैं। उन्होंने कहा किअगर मोदी जी 74 की उम्र में 16 घण्टे काम कर सकते हैं तो आप तो अभी यंग हैं उनसे ज्यादा काम करें। आप सभी को गणतन्त्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई देते हुये अपनी बात समाप्त करता हॅू।

आखिर मे मैं यही कहॅॅूगा-

‘‘कर्म ही दीन है, कर्म ही ईमान है, कर्म ही धर्म है, कर्म ही पूजा है, कर्म ही योग है‘‘।प्राचार्या प्रो. मनोज रावत ने 76 वें गणतंत्र दिवस पर बताया कि भारतीय संविधान की उद्देशिका अपने आप में मनोहर है. इसके द्वारा सभी भारतीय नागरिकों से स्वतंत्रता, समानता,  बंधुत्व तथा न्याय का वादा किया गया है .हमारी  उद्देशिका यह स्वतंत्रता देती है कि हम अपने कृत्यों, आस्था तथा अपने विचारों के सबंध में उचित चुनाव कर सकते हैं. प्रो. रावत ने बताया कि एक राष्ट्र की वास्तविक एकता तभी संभव है जब प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा का आश्वासन दिया जाए . संविधान की मूलभूत सरंचना प्रगतिशील है।इसी के साथ प्राचार्य ने कॉलेज के   एन सी सी कैडेट की उपलब्धियों विशेष रूप से  मुख्यमंत्री पदक विजेता हरमन प्रीत   का ब्योरा दिया।

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