तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है भारत: राजदूत
- मंगोलिया के राजदूत श्री गेन्बोल्ड डेम्बोजेव ने आईआईएमटी विवि में किया छात्रों से संवाद
- कहा, भारत और मंगोलिया के बीच मजबूत रिश्ते कायम
- दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की भरसक प्रशंसा की
मेरठ। भारत की वर्तमान सरकार देश को तेजी से आगे ले जा रही है। छात्रों का भविष्य मजबूत हाथों में है। आने वाले कुछ ही सालों में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है।यह कहना है मंगोलिया के राजदूत गेन्बोल्ड डेम्बोजेव का जिन्होंने आईआईएमटी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की भरसक प्रशंसा की।
मंगोलिया के राजदूत गेन्बोल्ड डेम्बोजेव का शुक्रवार को आईआईएमटी विश्वविद्यालय, मेरठ में आगमन हुआ। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री योगेश मोहनजी गुप्ता जी ने राजदूत महोदय का स्वागत किया। विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण कर राजदूत महोदय ने आईआईएमटी के हरित परिसर और छात्रों को दी जा रही शैक्षिक गुणवत्ता की भरसक सराहना की।
तत्पश्चात राजदूत गेन्बोल्ड डेम्बोजेव मुख्य सेमिनार हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे तो विद्यार्थियों ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर राजदूत महोदय व अतिथियों ने ज्ञान की देवी को नमन किया। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. वैभव श्रीवास्तव, प्रति कुलपति डॉ0 हर्षित सिन्हा, डीन एक्टिविटी डॉ0 लखविंदर सिंह ने राजदूत महोदय का स्वागत किया। मंच संचालन कर रहीं एकता शर्मा ने राजदूत महोदय व मंगोलिया देश का परिचय दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजदूत गेन्बोल्ड डेम्बोजेव ने कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच मजबूत रिश्ते कायम हैं। अनेक क्षेत्रों में मंगोलिया और भारत कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। भारत और मंगोलिया के रिश्ते लगातार बेहतर होते जा रहे हैं। जो छात्र भविष्य के विकल्प के तौर पर मंगोलिया आना चाह रहे हैं उनके लिए हर क्षेत्र में काफी सारी संभावनाएं हैं। राजदूत महोदय ने कहा कि 2009 में भी मैं भारत आया था। मगर इस बार सड़कों के साथ यातायात व्यवस्था में भी काफी सुधार देखने को मिला है।
राजदूत गेन्बोल्ड डेम्बोजेव ने मंगोलिया के इतिहास से लेकर प्रसिद्ध चरित्र चंगेज खान के बारे में भी कई अनसुनी बातें साझा की। गेन्बोल्ड ने बताया कि चंगेज खान के खिलाफ पढ़ने और सुनने को काफी कुछ मिलता है। मगर उसके चरित्र को समझने की जरुरत है। उस दौर में जीने की स्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण थी। कई सारे खूंखार कबीलों को साधने के लिए चंगेज खान का चरित्र काफी मुश्किल होता गया। चंगेज खान के आक्रमण से बचने के लिए ही चीन को प्रसिद्ध चाइना वॉल का निर्माण करना पड़ा था। चंगेज खान ने मंगलिया के सारे कबीलों को एकजुट किया। सैन्य रणनीतियां बनाई, अभियान चलाए।
छात्रों को सुदृढ भविष्य निर्माण के लिए सुझाव देने के साथ राजदूत ने आईआईएमटी के छात्रों को मंगोलिया में करियर निर्माण के अनेक विकल्प और संभावनाओं पर चर्चा की। राजदूत महोदय ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के सवालों का बेबाकी से जवाब देते हुए उनकी हौसला अफजाई की।
अंत में प्रति कुलपति डॉ. वैभव श्रीवास्तव, हर्षित सिन्हा, आईआईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर डॉ0 धीरेन्द्र कुमार, डीन एक्टिविटी डॉ. लखविंदर सिंह ने राजदूत महोदय का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया। कार्यक्रम आयोजन में निदेशक प्रशासन डा0 संदीप कुमार डा. सुगंधा श्रोतिय का विशेष योगदान रहा।
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