सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों को नोटिस जारी
आवास विकास ने 3 महीने का दिया समय, व्यापारियाें ने सुप्रीम कोर्ट में डाली पुनर्विचार याचिका
मेरठ।सेंट्रल मार्केट में रिहाइशी इलाके में बनाई गई (661/6) बिल्डिंग के व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। ई-फाइलिंग के जरिए प्रक्रिया पूरी हो गई है। बुधवार को इसकी हार्ड कॉपी दाखिल की । 11 दुकानदारों की ओर से पुनर्विचार याचिका और पांच दुकानदारों की ओर से मिसलेनियस एप्लीकेशन (एमए) दाखिल की गई है।
आवास एवं विकास परिषद की शास्त्रीनगर कॉलोनी में सेंट्रल मार्केट के 661/6 भवन आवासीय हैं, जबकि इसमें कॉम्पलेक्स बन गया है। हाइकोर्ट ने इस मामले में 5 दिसंबर 2014 को ध्वस्तीकरण के आदेश दिए थे। इस पर व्यापारी सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेबी परदीवाला और आर. महादेवन की खंडपीठ ने 19 नवंबर को आदेश सुरक्षित रखते हुए आवास विकास परिषद से 499 भवनों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी। इस पर विभाग ने सर्वे कर रिपोर्ट दी, जिसमें शास्त्रीनगर योजना के 1473 भवन में व्यावसायिक गतिविधियां मिलीं थी। 17 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आवासीय क्षेत्र में भू-उपयोग परिवर्तन कर हुए सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश दिए।
इस मामले में मंगलवार को सेंट्रल मार्केट के व्यापारी राजीव गुप्ता, सुषमा शर्मा, संगीता वाधवा, चंद्र प्रकाश गोयल, निशि गोयल, अमरजीत, जगप्रीत कौर, वीर सिंह, विनोद अरोड़ा, राजेंद्र कुमार बड़जात्या तथा संदीप सिंह की तरफ से ई- फाइलिंग के जरिए पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई। इन सभी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोटिस जारी किए थे। व्यापारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता के माध्यम से बुधवार को इसकी हार्ड कॉपी अदालत में दाखिल की जाएगी।
आवास विकास ने जारी किए नोटिस, 3 माह में खाली करने को कहा
आवास एवं विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन को 661/6 का सर्वे किया गया। इसमें पहले 11 दुकानदारों को नोटिस किया गया और अब सर्वे के बाद अन्य 11 को भी नोटिस दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति के साथ तीन महीने में खाली करने को कहा गया है, ताकि सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन कराया जा सके।
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