दिव्यांग सिविल इंजीनियर लापता
दिनभर गंगनहर में चला सर्च अभियान
मेरठ।टीपी नगर थाना क्षेत्र निवासी रवीश गर्ग का अब तक पता नहीं चला है। वो बुधवार से लापता हैं। बृहस्पतिवार को दिनभर पुलिस और पीएसी गोताखोरों की टीम गंगनहर में रवीश की तलाश के लिए सर्च अभियान चलाती रही। लेकिन पता नहीं चला।वहीं स्थानीय पुलिस सीसीटीवी कैमरे भी चैक कर रही है। लेकिन रवीश के मोबाइल की लास्ट लोकेशन गंगनहर ही मिली है।
रवीश जब नहर के पास खड़े थे तब पत्नी से फोन पर बात करते हुए कहा भी था कि वो झाल पर है। अचानक मोबाइल बंद हुआ। इसके बाद से रवीश गायब है। वहीं नहर के पास रवीश की जैकेट, वॉकर मिला है। मोबाइल पर बुधवार रात 2 बजे तक रिंग गई लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई।
टीपीनगर निवासी रवीश गर्ग उम्र 30 साल सिविल इंजीनियर हैं। रवीश ने बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे पत्नी को काल कर कहा कि भोला झाल पर हूं। आज अंतिम बार बातचीत हो रही है। जहां से मैं नहर में कूद रहा हूं, वहीं सारा सामान मिलेगा। इतना कहते ही रवीश का मोबाइल कट उसके बाद किसी से बात नहीं हुई।
जिस तरह रवीश लापता हुए हैं उससे उनके सुसाइड करने का शक पुलिस को बढ़ता जा रहा है। घरवालों ने पूछताछ में बताया कि रवीश ने बुधवार सुबह पत्नी राधा और दोनों बेटियों को ससुराल भेज दिया। उसके बाद वाकर के सहारे दो बजे घर से बाहर घूमने के लिए निकले। शाम साढ़े चार बजे पत्नी को मोबाइल से काल कर कहा कि आज अंतिम बार बात हो रही है। मेरा सारा सामान भोला झाल पर ही मिलेगा। पत्नी ने तभी घरवालों को पूरी बात बताई। फिर परिवार के लोग भोला झाल पर पहुंचे।
वॉकर के सहारे चलते थे
घरवालों ने बताया कि रविश के सिर में चोट लग गई थी। नस दब जाने की वजह से वह चार साल से वाकर के सहारे चल रहे थे। इसलिए वो डिप्रेशन में रहता था। नहर के किनारे रवीश की जैकेट और वॉकर मिल गया लेकिन वो नहीं मिला। घरवालों ने बताया कि रविश एमपीएस ग्रुप में सिविल इंजीनियर की नौकरी करते थे। 2020 में सिर में चोट लगने से बीमार हुआ। नौकरी छोड़नी पड़ी। फिलहाल घर पर ही रहते थे। हाल में गुरुग्राम के एक अस्पताल में मुंबई के डाक्टरों की टीम बुलाकर आपरेशन कराया था। उसके बाद भी सही नहीं हो पाए। फिलहाल एम्स से उनका उपचार चल रहा था।
एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि रविश गर्ग के गंगनहर में कूदने की आशंका परिवार के लोग कह रहे हैं। गंगनहर में पीएसी के गोताखोर तलाश कर रहे हैं।
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