महाकुंभ में 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई
सुबह 4 बजे से 44 घाटों पर स्नान चला; 12 किमी पैदल चलकर संगम पहुंचे लोग
प्रयागराज,एजेंसी। प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। पौष पूर्णिमा पर सुबह 4 बजे से पहला स्नान चला। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 44 घाटों पर पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। भक्तों पर हेलिकॉटर से फूलों की वर्षा की गई। महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है। यह वही संयोग है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था।
देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। पहले दिन भीड़ इतनी रही कि 3700 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र से अनाउंसमेंट कर ज्यादातर लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया। हेलिकॉप्टर और एनएसजी कमांडो ने महाकुंभ में आए लोगों पर नजर रखी। विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी तादाद में कुंभ में स्नान करने पहुंचे। प्रशासन के मुताबिक, जर्मनी, ब्राजील, रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे। आज से ही श्रद्धालुओं ने 45 दिन का कल्पवास शुरू कर दिया।संगम पर एंट्री के सभी रास्तों पर रात में भी भक्तों की भीड़ रही। वाहनों की एंट्री भी बंद कर दी गयी । श्रद्धालु बस और रेलवे स्टेशन से 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंचे। 60 हजार जवान सुरक्षा-व्यवस्था संभाल रहे हैं। जगह-जगह कमांडो और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात हैं।
व्यवस्था ने किया प्रभावित
महाकुंभ में भाग ले रही ईरान की एक महिला ने कहा-हमारा 9 लोगों का एक समूह है। हम दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से यहां आए हैं। मैं और मेरे पति दुबई और लिस्बन के बीच रहते हैं। हम पहली बार यहां आए हैं। कुंभ का आयोजन बहुत अच्छी तरह से किया गया है। यह प्रभावशाली है। हम एक बहुत अच्छी टेंट कॉलोनी में रह रहे हैं।
भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय
महाकुंभ में ब्राजील से आए श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा, “मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज कर रहा हू। भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है।पानी ठंडा है लेकिन हृदय गर्मजोशी से भरा है।
मेरा भारत महान: रूस श्रद्धालु
महाकुंभ में शामिल होने रूस से आई एक श्रद्धालु ने कहा,’मेरा भारत महान’भारत एक महान देश है। हम पहली बार कुंभ मेले में आए हैं। यहां हम असली भारत को देख सकते हैं असली शक्ति भारत के लोगों में निहित है… मुझे भारत से प्यार है…”
पोलैंड की क्लाउडिया बोलीं- शाही स्नान का बेसब्री से इंतजार
पौलेंड से आईं श्रद्धालु क्लाउडिया ने कहा कि मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। मैंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था। कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा। कल मैं भी स्नान करूंगी। महाकुंभ की दृष्टि से कल का दिन बहुत अहम होने जा रहा है। हालांकि, आज इसकी विधिवत रूप से शुरुआत हो चुकी है, लेकिन कल का दिन शाही स्नान का है और मैं काफी उत्सुक हूं।
प्रयागराज आकर धन्य हो गई: निक्की
साउथ अफ्रीका से महाकुंभ में आईं निक्की बोली, ‘यह बहुत शक्तिशाली है और हम यहां गंगा नदी पर आकर धन्य हो गए।”एक महिला विदेशी श्रद्धालु ने कहा कि यह बहुत शक्तिशाली है। अभी मेरे मन में बहुत सारी भावनाएं, रंग और सब कुछ है। यह भारत में मेरा पहला मौका है।
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