सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, डेढ़ हजार अवैध निर्माणों पर गरजेगा बुलडोजर

 व्यापारियों में मचा हड‍़कंप , विधिक राय के लिए अधिवक्ताओं की और दौड़े 

मेरठ। मेरठ के  शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट ध्वस्त होगा। इसके लिए व्यापारियों को तीन महीने में दुकानें खाली करनी होंगी। इसके दो सप्ताह बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। आवासीय भवनों में चल रही व्यावसायिक गतिविधि शोरूम, दुकान और ऑफिस आदि के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों को मंगलवार को बड़ा झटका दिया है। इससे व्यापारी में खलबली मच गई है। करीब डेढ़ हजार ऐसे निर्माण ध्वस्त होंगे, जो अवैध रूप से बने हुए हैं।

बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आवासीय क्षेत्र में भू-उपयोग परिवर्तन कर हुए सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए भवन स्वामियों को परिसर खाली करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। इसके दो सप्ताह बाद आवास एवं विकास परिषद को अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना होगा।

इस कार्य में सभी प्राधिकारी सहयोग करेंगे अन्यथा कोर्ट की अवमानना के तहत कार्यवाई की जाएगी। कोर्ट ने इसके साथ ही आवास एवं विकास के उन सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी आपराधिक एवं विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं जिनके कार्यकाल में ये सबकुछ होता रहा।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी तक साइट पर अपलोड नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2014 में दिए भूखंड 661/6 के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण आदेश की पुष्टि की है। साथ ही आवासीय क्षेत्र में हुए व्यावसायिक निर्माण को ध्वस्त करने के आ दिए हैं।

10 वर्ष बाद आया बड़ा फैसला

10 वर्ष बाद 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आदेश सुरक्षित रखते हुए आवास विकास परिषद से 499 भवनों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी, जिसे तैयार करके परिषद ने कोर्ट में दाखिल कर दिया था।

इस मामले में आवास एवं विकास परिषद के अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने बताया कि सेंट्रल मार्केट मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई है। लेकिन अभी क्या फैसला हुआ है, यह आदेश अपलोड होने के बाद ही स्पष्ट होगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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