मर्यादा हुई तार तार
इलमा अजीम 
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर पर की गयी टिप्पणी से संसद से लेकर सड़क तक बवाल मचा हुआ है। इस पर खेद जताना तो दूर, भारतीय जनता पार्टी विपक्ष पर ही आरोप लगा रही है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को राज्यसभा में शाह ने यह कहकर कांग्रेस और विपक्ष पर अश्लील टिप्पणी की थी कि 'आजकल अंबेडकर का नाम लेना एक फैशन हो गया है।
 अंबेडकर... अंबेडकर... अंबेडकर... अंबेडकर! इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।' नाराज़ विपक्ष ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में इस मामले को पुरज़ोर तरीके से उठाया और शाह से न केवल माफ़ी बल्कि इस्तीफे की भी मांग की थी। गुरुवार को जब विपक्षी सदस्य नीले कपड़े पहनकर और हाथों में बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरें लिये हुए मकर द्वार से संसद के भीतर जा रहे थे। अनेक भाजपा सदस्यों ने उनका रास्ता रोक लिया। 
इस धक्का-मुक्की में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे नीचे गिर गये जिन्हें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस सासंद वर्षा गायकवाड़ आदि ने सम्हालने की कोशिश की। इसे लेकर खरगे ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। अभी तीन दिन पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने निर्देश दिये थे कि किसी भी सदस्य को कोई भी संसद प्रवेश करने से नहीं रोकेगा।


 गुरुवार को विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश जिन सदस्यों ने की, वे भाजपायी थे। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेसियों द्वारा की गयी धक्का-मुक्की से भाजपा के दो सांसद घायल हो गये हैं। इनमें से एक प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया जो उन पर आकर गिरा। इसके कारण उनके सर पर चोट आई है। ऐसे ही, मुकेश राजपूत भी घायल हुए हैं। बताया गया है कि उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज़ख्मी सांसदों का हाल-चाल जाना। वैसे राहुल ने कहा कि खरगे को धक्का दिया जा रहा था। उन्होंने बताया कि भाजपा के सांसद उन्हें भी धमका रहे थे और प्रियंका को भी रोकने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को बचाया। अब भाजपायी सांसद राहुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर दबाव डालना चाहते हैं। उनके विरूद्ध भी भाजपा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। 



देश भर में कई संगठनों एवं नेताओं ने शाह के प्रति रोष जाहिर किया है। कांग्रेस ने इसे 'लोकतंत्र की हत्या' कहा है तो वहीं भाजपा अपने किये पर यह कहकर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है कि 'यह राहुल की अराजकता' है। बहरहाल गुरुवार को संसद में हुई धक्का मुक्की साफ तौर पर काले अध्याय की तरह दर्ज होगी।

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