मेरठ कॉलेज में धूमधाम से मना विशाल पुरातन छात्र सम्मेलन

मेरठ।  सोमवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विशालकाय मेरठ कॉलेज में पुरातन छात्र दिवस सम्मेलन आयोजित किया गया।  सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय लाइब्रेरी भवन में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के चित्र पर बागपत के जिला जज  संजय मलिक एवं बागपत सांसद राजकुमार सांगवान द्वारा माल्यार्पण करके किया गया।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेरठ कॉलेज के पूर्व छात्र एवं वर्तमान में बागपत से सांसद डॉक्टर राजकुमार सांगवान थे। उन्होंने मेरठ कॉलेज के अवैतनिक सचिव  विवेक गर्ग एवं प्राचार्य डॉ मनोज कुमार रावत के साथ मिलकर सर्वप्रथम भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और इसके बाद मेरठ कॉलेज के सभी 29 विभागों में यह विशाल पुरातन छात्र सम्मेलन प्रारंभ हो गया। 



देश के कोने-कोने से इसमें मेरठ कॉलेज से पढ़कर निकल लगभग 3000 छात्रों ने हिस्सेदारी की। डॉ राजकुमार सांगवान ने ओपन थिएटर में पुराने छात्रों के विशालकाय समूह को संबोधित करते हुए कहा की मेरठ कॉलेज के सचिव  विवेक गर्ग बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस को मेरठ कॉलेज में सदैव के लिए पुरातन छात्र दिवस सम्मेलन का दिन घोषित किया है। डॉ सांगवान ने अपने छात्र जीवन के संस्मरणों को सुनाया और बताया कि उनका सारा जीवन मेरठ कॉलेज की दीवारों में ही निकल गया और मेरठ कॉलेज के कारण ही वह आज संसद में पहुंचे हैं। डॉ संगवान ने चौधरी चरण सिंह के जीवन एवं मूल्यों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता पर भी बल दिया। 

बतदे  23 दिसंबर को स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी का जन्म दिवस भी है और कॉलेज प्रबंधन तंत्र ने चौधरी साहब के जन्म दिवस को सदा के लिए पुरातन छात्र सम्मेलन दिवस घोषित कर दिया है। इसी क्रम में आज का यह भव्य प्रोग्राम हुआ। मेरठ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर मनोज कुमार रावत ने समस्त विभाग के अध्यक्षों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया और उन्होंने डॉक्टर राजकुमार सांगवान की सादगी भरे जीवन की भरपूर प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि उनके पिता भगवान सिंह रावत ने भी सादगी से राजनीति की और लोकसभा में तीन बार निर्वाचित हुए। 

पूर्व विधायक एवं मंत्री डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई ने भी मेरठ कॉलेज में इस कार्यक्रम में भागीदारी की और छात्र जीवन के अपने संस्मरण सुनाए। मेरठ कॉलेज के मंत्री विवेक कुमार गर्ग ने पुरातन छात्र सभा को संबोधित करते हुए पुरातन छात्रों से आह्वान किया कि उन्होंने जरूरतमंद छात्रों की मदद के लिए एक मेरठ कॉलेज छात्रवृत्ति कोष बनाया है। इस कोष में कोई भी पुरातन छात्र अपने या अपने संबंधी के नाम से स्कॉलरशिप चलवा सकता है। इसके लिए पुरातन छात्र को एक लाख अथवा उसके गुणक में पैसे इस कोष में जमा करने होंगे, जिससे जरूरतमंद छात्र को ₹7000 वार्षिक की आर्थिक मदद 15 वर्षों तक प्रदान की जाएगी। छात्र का चयन विभाग स्तर पर किया जाएगा और विभाग का निर्णय ही अंतिम माना जाएगा। उन्होंने इस स्कॉलरशिप प्रोग्राम का वर्गीकरण करते हुए कहा कि इसमें चार श्रेणियां होगी। जो एक लाख रुपए देगा वह स्टार डोनर, जो 3 लाख देगा वह सिल्वर डोनर, जो 5 लाख देगा वह गोल्ड डोनर और जो 10 लाख रुपए दान करेगा वह प्लैटिनम डोनर कहा जाएगा।  उन्होंने जनसमूह को संबोधित करते हुए बताया कि शुरुआती तीन दिनों में ही 50 लाख की राशि की स्कॉलरशिप के सहमति पत्र प्राप्त हो गए हैं। गणमान्य व्यक्तियों में इतिहास विभाग में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी  निशांत जैन, इतिहासकार डॉ केडी शर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर राजीव रंजन, पुलिस सेवा के  सुधीर सिंह,  अनुराग गौड, अमित बंसल, डॉ ज़ीनत जैदी, विधि विभाग के बांदा के जिला जज  बब्बू सारंग, चित्रकूट के जिला जज  विकास, रामपुर के जिला जज डॉ विजय तालियान, हापुड  की एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुश्री रीमा बंसल,  हनी गोयल,  उमाकांत, बहराइच के पवन कुमार शर्मा और ग्वालियर के सिविल जज महेंद्र सैनी विशेष रूप से कार्यक्रम में पधारे। इसके अतिरिक्त नानक चंद कॉलेज के सचिव  अमित शर्मा, माछरा डिग्री कॉलेज के सचिव  अमित त्यागी एवं  अतुल कुमार भी उपस्थित थे।

 समापन सत्र दोपहर 1 से 2:00 बजे तक ओपन थिएटर में किया गया जिसमें गीत संगीत भी प्रस्तुत किए गए। कुल मिलाकर यह एक यादगार सम्मेलन रहा जिसकी गूंज दिलों में लंबे समय तक बनी रहेगी। इस विशाल कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो चंद्रशेखर भारद्वाज, प्रो प्रवीण दुबलिश, प्रो एमपी वर्मा, प्रो प्रगति रस्तोगी, श्री विनय कुमार, श्री जितेंद्र कुमार एवं प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा।





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