50 के बाद स्कूल याद ताजा हुई
1974 बैच के छात्र वर्षों बाद मिले
मेरठ।सेंट मैरिज स्कूल के प्रांगण में 50 वर्ष पूर्व स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर निकले गोल्डन जुबली बैच के छात्रों का यादें कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जैसे ही छात्रों ने अपने पुराने स्कूल में प्रवेश किया, उनकी आँखें अपने पुराने दिनों की यादों में खो गईं। स्कूल में 50 साल पहले पढ़ कर निकले छात्रों का स्कूल में वापस आकर मिलने का यह यादगार पल था।
साथ के छात्रों संग स्कूल के प्रांगण में मिलने पर एक अजीब सी खुशी और उत्साह का माहौल बन गया। सभी की आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जो उनके चेहरे पर खुशी और गर्व को दर्शा रही थी।
उन्होंने अपने पुराने क्लासरूम, अपने पुराने शिक्षकों, अपने समय के चौकीदार, माली , आया समेत सभी कर्मी जो उनके सहयोगी और मित्र थे तथा अपने पुराने दोस्तों की यादें ताज़ा कीं।
सभी अपने पुराने दिनों की बातें करने लगे अपने समय के शिक्षक त्यागी जी केमिस्ट्री, आर सी चतुर्वेदी व रस्तोगी सर फिजिक्स, ब्रदर गनॉन मैथ्स, यादव सर हिंदी व बायोलॉजी की भटनागर मैडम को सभी ने याद किया। स्कूल का हर वह कोना गोल्डन जुबली बैच के छात्रों ने देखा जहां पर वह अक्सर अपना समय बिताते थे। बारिश का मौसम होते हुए भी सभी ने ग्राउंड में घूम कर बारिश में मस्ती की, क्लास में बैठकर जिस प्रकार शिक्षक पढ़ाते थे उसी प्रकार क्लास का माहौल बनाया खुद मेज कुर्सी पर बैठे और जिस प्रकार शिक्षक उन्हें शैतानी करने पर दंड दिया करते थे उन पलो को भी याद किया।
1974 बैच के कुल 43 छात्रों में 21 छात्र इस यूनियन में मौजूद रहे ।
1974 में स्कूल के हेड बॉय रहे सुदीप्त गौतम ने स्कूल से पढ़ने के उपरांत आई आई टी से केमिकल में इंजीनियरिंग की तथा उसके उपरांत आईटी सेक्टर में ऑयल कंपनी में काम किया । वह अमेरिका से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे उनके दो बच्चे हैं जो ऑस्ट्रेलिया व यूरोप में सेटल्ड है।
तरुण आनंद कैलिफोर्निया से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। इन्होंने आईटी सेक्टर में कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी कंपनी में बीपी की पोस्ट पर काम किया उनकी दो पुत्री है जो अमेरिका में ही रहती है हर साल में भारत अवश्य आते हैं।
तेजवीर सिंह होरा दिल्ली चावड़ी बाजार में अपना व्यवसाय करते हैं जहां पर उनके ब्रांड अनब्रे को यूनिवर्सल ट्रेडिंग कंपनी के माध्यम से विख्यात पाए हुए हैं उनकी पुत्री लंदन व गुड़गांव में है तथा उनके पुत्र म्यूनिक में सेटल्ड है।
एलोरा डी मोंटी एक्स कैप्टन है जो सिंगापुर की शिपिंग कंपनी में सलाहकार हैं।
फरत जैदी ने स्कूल से पढ़ाई करने के उपरांत होटल मैनेजमेंट किया तथा 35 साल तक ताज होटल में बड़े पदों पर रहे। अभिव्या औरंगाबाद के एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष है जहां पर वह हजारों हजार बच्चों को अपना भविष्य बनाने में सहायता करते हैं उनकी पुत्री सैन फ्रांसिसको में हैं।
शशांक जैन मेरठ से है तथा वह अपना मेटल का बिजनेस सारू स्मेलटिंग के नाम से करते हैं जिनके उत्पादन इलेक्ट्रॉनिक्स व एयरोस्पेस में काम आते हैं ।
इस अवसर पर पुरातन छात्रों की संस्था एक्समा के अध्यक्ष ऐनुद्दीना शाह ने कहा कि सीनियर्स का स्कूल में वापस आना हमारे लिए एक सम्मान की बात है उनकी उपलब्धियों पर तथा सभी को स्कूल के एक हिस्से के रूप में देखने में गर्व महसूस किया।
इस अवसर पर, पुरातन छात्रों ने अपने स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों को धन्यवाद दिया।
50 साल पहले पढ़ कर निकले छात्रों का स्कूल में वापस आना एक यादगार पल बन गया, जिसे वे कभी नहीं भूलेंगे।
सभी गोल्डन जुबली बच के छात्रों को पुरातन छात्रों की संस्था एक्समा के अध्यक्ष ऐनुद्दीन शाह , विपुल सिंघल, अंकित सिंघल ,ललित नौटियाल द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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