शोभित विवि और एकीकृत ग्रामीण विकास केंद्र ने सतत ग्रामीण विकास के लिए की साझेदारी 
 

मेरठ। शोभित विवि मेरठ और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए एकीकृत ग्रामीण विकास केंद्र (CIRDAP), ढाका बांग्लादेश, ने सतत ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करने के लिए नवाचार, क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों पर केंद्रित एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन  पर हस्ताक्षर किए। इस आभासी हस्ताक्षर समारोह ने क्षेत्रीय ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया।  

इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास पहलों को सशक्त बनाना है, जिसमें संसाधन अनुकूलन, क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया गया है। समझौते पर हस्ताक्षर शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) विनोद के. त्यागी और एकीकृत ग्रामीण विकास केंद्र के महानिदेशक डॉ. पी.  शेखर ने किए।  

डॉ. चंद्र शेखर ने साझेदारी को ग्रामीण समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया और इसके अंतरविभागीय दृष्टिकोण व नवोन्मेषी समाधानों की सराहना की। शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुँवर शेखर विजेंद्र ने साझेदारी के माध्यम से गहन सामुदायिक भागीदारी, सहयोगात्मक शोध, और प्रभावशाली कार्यक्रमों पर जोर देते हुए इस पहल को सामाजिक-आर्थिक विकास का मार्गदर्शक बताया।  

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम. मोनी ने इस साझेदारी को ग्रामीण समाजों की विकासात्मक आवश्यकताओं से जोड़ते हुए इसे नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से बदलाव लाने का एक उत्कृष्ट प्रयास बताया।  

समारोह में, शोभित विश्वविद्यालय ने एकीकृत ग्रामीण विकास केंद्र के 15 सदस्य देशों के 45 मेधावी छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्तियों की घोषणा की, जिनमें से 70% महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह पहल शिक्षा में समानता और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।  यह सहयोग शोध, शिक्षा और सामुदायिक विकास के माध्यम से क्षेत्रीय ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा।  यह साझेदारी ग्रामीण विकास में नवाचार और प्रगति के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।

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