मांगों को लेकर भाकियू ने चीनी मिल गेट पर दिया धरना
-मिल प्रबंधन के साथ मांगों को लेकर बनी सहमति
हापुड़।भाकियू द्वारा चीनी मिल गेट पर की गई महापंचायत में काफी देर तक हुई गहमा गहमी के बीच विभिन्न मांगों को लेकर आपसी सहमति बन गई।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत भाकियू अराजनैतिक के सैकड़ों कार्यकर्ता मंगलवार को जिलाध्यक्ष पवन हूण गुर्जर के नेतृत्व में सिंभावली शुगर मिल गेट पर पहुंचे और धरना देकर बैठ गए। इस दौरान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाध्यक्ष पवन हूण गुर्जर ने क्षेत्रीय किसानों से जुड़ीं विभिन्न समस्याओं को प्रमुखता से उठाकर पिछले साल के बकाया चल रहे करीब ढाई सौ करोड़ के गन्ना मूल्य का अविलंब भुगतान दिलाए जाने की मांग उठाई। सूचना मिलते ही तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर श्योपाल सिंह भाकियू की महापंचायत में पहुंच गए। जिन्होंने चीनी मिल के महाप्रबंधक करनसिंह और जीएम विश्वास राज को भी मौके पर बुला लिया। काफी देर तक चली गहमा गहमी के बाद भाकियू नेताओं की चीनी मिल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ आपसी सहमति बनने पर महापंचायत को स्थगित कर दिया गया। समझौते में तय हुआ कि रेलवे क्रॉसिंग से गैस एजेंसी तक सडक़ की दोनों साइडों का निर्माण एक सप्ताह में प्रारंभ हो जाएगा। चीनी मिल में भर्ती अथवा कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को सार्वजनिक करने को विज्ञापन के साथ ही नोटिस बोर्ड पर दर्शाया जाएगा। जिसमें क्षेत्र के लोग ही लिए जाएंगे। अन्य सभी मांगों के संबंध में तय हुआ कि मिल मालिक से 18 नवंबर तक क्षेत्र के 50 किसानों के साथ भाकियू अराजनैतिक के कार्यकर्ता वार्ता करेंगे। जिलाध्यक्ष पवन हूण ने बताया कि मिल से जुड़े अधिकारियों ने यह भरोसा भी दिया है कि अगर वार्ता कराने में असमर्थ रहे तो किसान हित में त्यागपत्र देंगे। उन्होंने बताया कि उक्त समझौता लिखित में हुआ है, जिस पर मिल प्रतिनिधियों के साथ ही तहसीलदार और इंस्पेक्टर ने भी हस्ताक्षर किए हैं। जितेंद्र नागर, बबलू प्रधान, हेमसिंह प्रधान, विजयपाल प्रधान, रवि भाटी, मोनू त्यागी, राधेलाल त्यागी, राजबीर भाटी, रोहित हूण, अनिल हूण समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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