माता पिता सेवा तथा पूजन से ही समस्त तीर्थों का सेवा पूजन
मेरठ। श्री परशुरामेश्वर महादेव मन्दिर परिसर में श्री शिव महापुराण के पांचवे दिवस पूज्य दण्डी स्वामी ध्रुवानंद तीर्थ महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि माता पिता सेवा तथा पूजन से ही समस्त तीर्थों का सेवा पूजन हो जाता है। यह देखा गया है कि लोग स्वयं तो तीर्थों की यात्रा करते है परंतु माता पिता घर पर ही रहते है, यदि वे घर पर माता पिता की सेवा करें तो समस्त तीर्थों का पुण्य उन्हें स्वतः प्राप्त हो जाता है। जग से विमुख गज ही भगवान शंकर के गण हो सकते है।
महाराज ने कहा कि कंचन, कामनी, काया, लोभ, काम व क्रोध इन सब का शमन भगवान शंकर के द्वारा ही संभव है।वर्ण आश्रम पर चर्चा करते हुए पूज्य महाराज श्री ने कहा कि बिना वर्णाश्रम के सनातन धर्म निरर्थक है। सनातन संस्कृति में वर्ण को प्रमुख स्थान दिया गया है।कार्यक्रम का संचालन ब्राह्मण कल्याण परिषद, के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार व मुख्य आचार्य पं राकेश बसलियाल ने किया ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सुधेश कुमार शर्मा, अनुज शुक्ला, पुनीत त्यागी, बाबूराम शर्मा, एड गिरीश शर्मा, डॉ शैलेन्द्र शर्मा, मुकेश शर्मा तथा गौरव भारद्वाज आदि ने सहयोग प्रदान किया।
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