स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ललितपुर में फायर सेफ्टी, फायर फाइटिंग एवं इवैकुएसन प्लान के लिए हुई मॉकड्रिल
दमकल कर्मियों ने बताए आग से बचने के उपाय
ललितपुर । गुरूवार को नवनिर्मित 300 चिकित्सालय भवन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ललितपुर में अग्निशमन विभाग द्वारा मॉकड्रिल किया गया।
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पाण्डेय ने बताया कि अग्निशमन विभाग के लीडिंग फायर मैन इशाक हाशमी ने चिकित्सालय परिसर में उपस्थित चिकित्सा शिक्षकों, छात्र छात्राओं, नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारियों, मरीजों तथा तीमारदारों को अग्नि सुरक्षा के नियम बताये तथा किसी भी तरह की आगजनी, शार्टसर्किट व आग लगने की स्तिथि में बिना घबराए मरीजों, जान माल को सुरक्षित कैसे किया जाय विस्तार से समझाया।
मेडिकल कालेज के अग्नि सुरक्षा के प्रभारी अधिकारी डॉ डी वी सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के नव निर्मित 300 बेड अस्पताल में पानी की निर्वहन पाइप लाइन की व्यवस्था है साथ ही जगह जगह अग्निशामक ( फ़ायरस्टिंगयुशर) रखे हुए हैं।अग्निशमन संयंत्रों की विशेष व्यवस्था है। मेडिकल कॉलेज में किसी भी तरह की आग लगने की स्थिति में मौके पर उपलब्ध अग्निशामक ( फ़ायरस्टिंगयुशर) का प्रयोग किस प्रकार करना है यह विस्तार से समझाया।
जिला आपदा प्रबंधन टीम की आरती सिंह ने बताया कि जब भी आग लगती है तो धुआं होता है धुएं से दम घुटता है तो अपने पास जो भी कपड़ा हो या रुमाल हो तो उसे गीला करके नाक और मुंह पर मास्क की तरह बांध लें जिससे धुएं में दम नहीं घुटेगा। घर में घरेलू आग लगे, जैसे सिलेंडर में आग लगे तो उसे बुझने के भी तरीके सिखाए और उसका प्रशिक्षण दिया गया। आग लगने पर जान माल के बचाव के लिए इवैकुएसन प्लान को विस्तार से समझाया तथा फायर एग्जिट के दरवाजों सीढ़ियों का प्रयोग करके सुशिक्षित स्थान पर पहुंचने का प्रशिक्षण दिया गया।
अग्निशमन विभाग के फायर सेफ्टी ऑफिसर राम पूजन श्रीवास ने बताया की उपलब्ध अग्निशामक अलग-अलग तरह की आग में प्रयोग में लाए जाते हैं जैसे यदि आग शॉर्ट सर्किट से लगी हो तो कभी भी उस पर पानी नहीं डालना चाहिए तथा जिस अग्निशामक में से पाउडर के रूप में आग बुझाने का पदार्थ निकलता है उसका प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया की यदि आग लकड़ी में कागज में लगी हो तो उस पर पानी का प्रयोग किया जा सकता है। जब भी भवन में आग लगी हो तो कभी भी ऊपर की ओर नहीं जाना चाहिए सभी लोगों को ऊपर की मंजिलों से नीचे उतर की तरफ आना चाहिए तथा कहीं सुरक्षित स्थान पर एकत्र होना चाहिए क्योंकि आग लगने के बाद धुआं ऊपर की ओर जाता है जिससे यदि ऊपर मरीज या कोई अन्य उपस्थित है तो धुएं के कारण उसका दम घुट सकता है। इसलिए आग लगने पर हमें सावधान रहना चाहिए तथा उस स्थान से अन्यत्र कहीं हट जाना चाहिए।
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर द्विजेंद्र नाथ ने कहा की मेडिकल कॉलेज एवं नव निर्मित चिकित्सालय मैं अग्निशमन संयंत्र उपलब्ध है अगर किसी तरह की आगजनी की घटना होती है तो हम उससे निपटने में समर्थ है।
इस अवसर पर डॉ श्रुति सिंह, डा मधुरेंद सिंह राजपुत, डॉ जगदीश इटालिया, डा एम सी गुप्ता, डा विशाल जैन, डा पवन सूद, डा सौरभ साहू, डा श्रृष्टि सोनी, डा वी डी पाण्डेय, डा ए एच अमीर, डा अंकित शर्मा, डा रवि कांत, डा रजनी रतमेले, मेडिकल कालेज के इलेक्ट्रिशियन साजिद खान एवं नारायण कुमार, फायर मैन राकेश कुमार तथा श्रीप्रकाश मिश्रा, फायर ब्रिगेड वाहन चालक राम नरेश, छात्र छात्रायें, नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारीगण, आम जनता, रोगी व उनके तीमारदार उपस्थित रहे।
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