कल भगवान महाकाल की पहली निकलेगी सवारी

इंदौर। उज्जैन ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से कार्तिक- अगहन मास में 4 नवंबर को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर तीर्थ पूजा के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेंगे। इस बार कार्तिक अगहन मास में हरि हर मिलन सहित भगवान महाकाल की पांच सवारी निकलेगी।

मंदिर समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया, श्रावण-भादौ मास में सवारी निकाले जाने की शुरुआत श्रावण कृष्ण पक्ष के प्रथम सोमवार से होती है। जबकि कार्तिक अगहन मास में सवारियों की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से होती है। यही कारण है कि कार्तिक अगहन मास की पहली सवारी कार्तिक शुक्ल तृतीया पर 4 नवंबर को निकलेगी। कार्तिक- अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारियों का मार्ग भी बदल जाएगा। शिप्रा तट पर पूजन के पश्चात भगवान गणगौर दरवाजा से नगर प्रवेश करेंगे।

श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकालं की सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट पहुंचती है। यहां पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, कार्तिकचौक, ढाबारोड, टंकी चौराहा, गोपाल मंदिर के रास्ते मंदिर पुनः पहुंचती है। कार्तिक अगहन मास में भगवान महाकाल की सवारी मंदिर से होकर कोटमोहल्ला, - गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी - होते हुए शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां पूजन के पश्चात सवारी शिप्रा के किनारे राणौजी की छत्री घाट के रास्ते नदी पर बने छोटे पुल के पास स्थित गणगौर दरवाजा से नगर प्रवेश करेगी। इसके बाद निर्धारित मार्ग से होते हुए मंदिर पहुंचेंगी।

गोपाल मंदिर पर होगा हरि हर मिलन 
कार्तिक मास में 14 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी पर गोपाल मंदिर में रात 12 बजे हरि हर मिलन होगा। महाकालेश्वर मंदिर से रात 11 बजे सवारी निकलेगी। हर बाबा महाकाल, हरि गोपालजी से मिलने गोपाल मंदिर पहुंचेंगे। पूजा अर्चना के उपरांत रात 2 बजे भगवान महाकाल की सवारी पुनः मंदिर के लिए रवाना होगी।

कार्तिक-अगहन मास में सवारी कब-कब

04 नवंबर- पहली सवारी

11 नवंबर- दूसरी सवारी

14 नवंबर - वैकुंठ चतुर्दशी की सवारी

18 नवंबर- चौथी सवारी

25 नवंबर- पांचवीं सवारी

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