व्यक्तिगत चरित्र से राष्ट्र चरित्र निर्माण होगा - डॉ.अतुल कृष्ण

सुभारती विवि में हुआ राष्ट्रबोध व्याख्यान श्रृंखला के तहत ‘‘चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण‘‘ के विषय पर व्याख्यान

मेरठ। राष्ट्रीय चरित्र से तात्पर्य एक राष्ट्र के नागरिकों के सामूहिक गुणों, आदर्शों और नैतिक मूल्यों से है, जो उनके व्यवहार और राष्ट्र के प्रति दृष्टिकोण को परिभाषित करते है। इन विचारों को सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने मांगल्या प्रेक्षागृह में आयोजित राष्ट्रबोध व्याख्यान श्रृंखला के तहत ‘‘चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण‘‘ के विषय पर व्यक्त किया।

राष्ट्र बोध व्याख्यान श्रृंखला का शुभारंभ मुख्य वक्ता सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण, कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल,  सुभारती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता, डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.निखिल श्रीवास्तव, नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता प्रवंदा, फिजियोथेरेपी कॉलेज की प्राचार्य डॉ जासमीन आनंदाबाई, कर्नल राजेश त्यागी, फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सोकिन्द्र कुमार, पैरामेडिकल विभागाध्यक्ष डॉ पंकज किशोर मिश्रा ने दीप प्रज्जवलित कर किया।राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम एवं जय हिन्द के नारों के साथ मांगल्या प्रेक्षागृह देशभक्ति के भाव से लबरेज हो गया।



सुभारती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.प्रदीप भारती गुप्ता ने स्वागत भाषण में मुख्य वक्ता सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण एवं कुलपति डॉ.जी.के.थपलियाल का अभिनंदन किया। उन्होंने राष्ट्र बोध व्याख्यान श्रृंखला की रूप रेखा से सभी को अवगत कराया।कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को राष्ट्र भाव से जोड़ने हेतु विशेष कार्य किये जा रहे है। जिसमें राष्ट्र बोध व्याख्यान श्रृंखला के तहत विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम में राष्ट्र का विषय पढ़ाया जा रहा है। इसमें प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रहित के विभिन्न विषय पर विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन किया जाता है। उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण हो सकता है। इसके लिए सुभारती विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों में देशभक्ति के गुण रोपित करने का कार्य कर रहा है।मुख्य वक्ता सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने कहा कि अपने दैनिक व्यवहार में मुदिता, करुणा, मैत्री उपेक्षा, सेवा के गुण लाने से हम चरित्रवान बन सकते है। उन्होंने कहा कि देश की एकता, उन्नति एवं अखंडता के साथ सौहार्द के भाव से एक दूसरे की सहायता करना हमारे अंदर राष्ट्र चरित्र निर्माण करता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि देश के वास्तविक इतिहास को उजागर किया जाए ताकि असंख्य वीर बलिदानियों के जीवन से प्रेरणा लेकर देशहित में कार्य किये जाए। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत चरित्र से राष्ट्र चरित्र निर्माण होगा। इसके लिए हमें अपने दैनिक जीवन में सदाचार के गुण स्थापित करने होंगे। जिनमें माता पिता, गुरुजनों एवं सैनिक व बलिदानों का सम्मान कर उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यातायात के नियम का पालन, पर्यावरण संरक्षण, स्वस्थ शरीर हेतु प्रतिदिन व्यायाम योग साधना आदि हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घर में जिस कमरे से बाहर आए तो उसकी लाईट व पंखे आदि बंद कर बिजली बचाने की भी आदत हमें अपने दैनिक जीवन में डालनी चाहिए। उन्होंने सुभारती का अर्थ बताते हुए कहा कि सु माने अच्छा और भारती माने भारत का रहने वाला अच्छा नागरिक ही सुभारती कहलाता है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.सत्यम खरे ने दिया। मंच का संचालन डॉ.अर्चिता तिवारी कंसल व डॉ. त्रिशला चतुर्वेदी ने किया।आज़ाद हिन्द गान व वंदेमातरम गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर कुलसचिव एम याकूब, कुलसचिव दूशिक सैय्यद ज़फ़र हुसैन आदि सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय व विभाग के प्राचार्य व शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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