उन स्रोतों से जानकारी लें जो विश्वसनीय और प्रतिष्ठित हों - डा. सोनिया हुडडा 

तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विशेष लेक्चर का आयोजन 

मेरठ। सूचना और तकनीक के इस युग में, जहां सोशल मीडिया, न्यूज़ वेबसाइट्स, ब्लॉग्स और वीडियो प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जानकारी तक तुरंत पहुंच मिलती है, वहीं गलत सूचना और प्रचार का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में मीडिया साक्षरता का उद्देश्य है लोगों को मीडिया सामग्री को समझने, उसका विश्लेषण करने और उसका सही तरीके से उपयोग करने में सक्षम बनाना। मीडिया साक्षरता वह क्षमता है जिससे व्यक्ति यह समझ सकता है कि मीडिया सामग्री कैसे बनाई जाती है, उसका क्या उद्देश्य है, और वह किस प्रकार हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करती है। यह बात तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में आयोजित विशेष लेक्चर के दौरान डॉक्टर सोनिया हुड्डा अस्सिटेंट प्रोफेसर जेसी बोस विश्वविद्यालय फरीदाबाद ने कही। 

अंडरस्टैंडिंग मीडिया लिटरेसी इन डिजिटल ऐज विषय पर आयोजित लेक्चर के दौरान डॉक्टर सोनिया हुड्डा ने बताया कि कौन सी जानकारी सही है और कौन सी भ्रामक इसे समझना। किसी भी समाचार या सामग्री को उसके सही संदर्भ में देखना।यह जानना कि जानकारी कहां से आई है और उसका उद्देश्य क्या है। डिजिटल युग ने सूचना और संचार को लोकतांत्रिक बनाया है, लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियां भी पेश की हैं।आजकल गलत जानकारी तेजी से फैल रही है, जिससे समाज में भ्रम और विभाजन की स्थिति बन रही है।  इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी का विशाल भंडार कभी-कभी सही और गलत को अलग करना मुश्किल बना देता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एल्गोरिदम इस बात को प्रभावित करते हैं कि हम कौन सी जानकारी देखेंगे। इससे हमारी सोच सीमित हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह समझने की क्षमता कि मीडिया सामग्री किस उद्देश्य से बनाई गई है और वह किस प्रकार हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सही व्यवहार, जैसे प्राइवेसी का ध्यान रखना और जिम्मेदारीपूर्वक सामग्री साझा करना।  टेक्स्ट, वीडियो, इमेज और अन्य माध्यमों के संदेशों को समझने और उनकी व्याख्या करने की क्षमता। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया का उपयोग केवल उपभोक्ता के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में करना चाहिए।

विश्वसनीय स्रोतों का चयन करें। हमेशा उन स्रोतों से जानकारी लें जो विश्वसनीय और प्रतिष्ठित हों। सूचनाओं की पुष्टि करें किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। विविध स्रोत पढ़ें। एक ही विषय पर अलग-अलग स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें ताकि किसी एक पक्ष का प्रभाव न हो।मीडिया के प्रभाव को समझें।यह समझें कि मीडिया का उद्देश्य केवल सूचना देना नहीं, बल्कि आपके व्यवहार और सोच को प्रभावित करना भी हो सकता है। डिजिटल युग में मीडिया साक्षरता केवल एक कौशल नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है। यह हमें न केवल सही जानकारी तक पहुंचने में मदद करती है, बल्कि हमें जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनने में भी सक्षम बनाती है। एक जागरूक और साक्षर समाज ही सही मायनों में डिजिटल युग की चुनौतियों का सामना कर सकता है। डॉक्टर दीपिका वर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर डॉक्टर मनोज कुमार श्रीवास्तव, लव कुमार, बीनम यादव मनु कौशिक, मितेंद्र कुमार गुप्ता, ज्योति वर्मा और विभाग के सभी छात्र व छात्राएं मौजूद रहे।

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