चिकित्सकों ने दो बुजुर्गो की रोबोट सर्जरी कर दिया नया जीवन दान
मेरठ। प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए यूरो-ऑन्कोलॉजी और एडवांस्ड रोबोटिक सिस्टम में हो रही प्रगति को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली ने शुक्रवार को शहर में एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया।
इस अवसर पर यूरो-ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. हर्षित गर्ग, के साथ-साथ 62 वर्षीय मरीज सोराज सिंह और 77 वर्षीय ओम्बीर सिंह, जिनकी प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी मैक्स अस्पताल वैशाली में सफलतापूर्वक की गई थी, भी मौजूद थे।
मरीजों के केस को बताते हुए डॉ. हर्षित गर्ग ने कहा, “62 वर्षीय मेरठ के एक दुकानदार को बढ़े हुए प्रोस्टेट की वजह से यूरिनरी समस्या हो रही थी। कई प्रकार के परीक्षणों के बाद, जिसमें प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसऐ) ब्लड टेस्ट, MRI और बायोप्सी शामिल थे, उन्हें लोकलाइज्ड प्रोस्टेट कैंसर का निदान हुआ। मई 2024 में मरीज ने मैक्स अस्पताल वैशाली में रोबोटिक प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी करवाई। इस सर्जरी में प्रोस्टेट ग्रंथि और उसके आसपास की संरचनाओं को सावधानीपूर्वक हटाया गया, जबकि मूत्रत्याग के लिए आवश्यक मांसपेशियों और संरचनाओं को संरक्षित किया गया। हैरानी की बात यह है कि सर्जरी के दिन की शाम तक वह चल रहे थे और तीन दिन बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अब, सर्जरी के चार महीने बाद, वह कैंसर मुक्त हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं, जिसमें वे हर दिन 2-3 किलोमीटर चलने की आदत बना चुके हैं।”
दूसरे मामले के बारे में डॉ. हर्षित ने आगे बताया, “पीएसऐ स्तर अगर 100 mg/dL तक पहुंच जाए तो यह गंभीर प्रोस्टेट समस्या का संकेत हो सकता है। 77 वर्षीय ओम्बीर सिंह को गंभीर यूरिनरी समस्याएं थीं। एडवांस्ड कॉग्निटिव-MRI TRUS फ्यूजन बायोप्सी में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हुई, और PET स्कैन से यह पता चला कि कैंसर हड्डियों और लिम्फ नोड्स तक फैल चुका था। उन्हें उन्नत हार्मोनल थेरेपी दी गई और हार्मोनल एब्लेशन के लिए सर्जरी की गई। एक साल के इलाज के बाद, उन्होंने असाधारण सुधार दिखाया और वे अब सामान्य आहार के साथ दैनिक गतिविधियों में व्यस्त हैं, जो यह दर्शाता है कि एक कठिन निदान के बावजूद एक संपन्न जीवन जीने की संभावनाएं हैं।”रोबोटिक सर्जरी ने प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में क्रांति ला दी है, जिससे मरीजों को मिनिमली इनवेसिव विकल्प मिलते हैं और इलाज के बाद की रिकवरी तेज होती है।
No comments:
Post a Comment