वकीलों की तरफ से हुई पहल, जनरल हाउस में रखेंगे -रोहताश अग्रवाल
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का पुतला फूंका जाने के बाद हरकत में आए पदाधिकारी
बोले- कुछ वकील निजी हितों के लिए कर रहे कार्य
मेरठ।गाजियाबाद में 29 अक्टूबर को वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में 2 दिनों से चल रही वकीलों की हड़ताल खुलने से मेरठ में वकीलों ने बुधवार को हंगामा कर दिया। मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का पुतला फूंका। वकीलों का मेरठ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहना था उनसे बात किए बिना हड़ताल क्यों खत्म कर दी गई। वहीं, पूरे मामले के बाद हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चेयरमैन व मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल ने प्रेसवार्ता बुला ली।
रोहिताश्व अग्रवाल ने बताया गाजियाबाद वाले मामले में वकीलों की तरफ से शुरुआत की गई। जिला जज की तरफ से नहीं। पुलिस ने लाठीचार्ज भी तब किया जब उनके एक अधिकारी से बदसलूकी हुई। जिला जज ने पुलिस नहीं बुलाई थी।मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल ने बताया गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर की कोर्ट में सीसीटीवी लगे हुए हैं। सीसीटीवी देखने पर सारा सच सामने आया है।
रोहिताश्व अग्रवाल ने बताया कि मैं बहुत जल्दी जनरल हाउस की बैठक बुलाऊंगा और सबके सामने सच रखा जाएगा, फिर जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि कुछ वकील निजी हितों के चलते माहौल खराब कर रहे हैं। हाईकोर्ट बेंच की मांग पूरी न हो जाए इसको लेकर वह राजनीति कर रहे हैं।मेरठ बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी अमित कुमार दीक्षित ने कहा कि हम लाठीचार्ज के विरोध में पहले भी थे, अब भी हैं, लेकिन हम किसी के कहने से कार्य करें, ऐसा नहीं होगा। हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति की अपनी नीति अपनी जिम्मेदारी है, हम काम करेंगे। प्रेसवार्ता में एडवोकेट राजपाल सिंह समेत कई सीनियर एडवोकेट मौजूद रहे।
बुधवार को कचहरी में हड़ताल खत्म किए जाने पर वकील एकत्र हो गए। नारेबाजी शुरू कर दी। वकीलों ने मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल का पुतला फूंक दिया। जिसके बाद रोहिताश्व अग्रवाल की तरफ से सीनियर एडवोकेट के साथ प्रेसवार्ता बुलाई गई।बता दें मेरठ कचहरी में दो एसोसिएशन हैं। इनमें मेरठ बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन हैं। मेरठ बार एसोसिएशन की तरफ से हड़ताल खत्म करने का पत्र जारी किया गया था। जिला बार एसोसिएशन से जुड़े वकील हड़ताल पर थे।
ये है पूरा प्रकरण
गाजियाबाद कोर्ट रूम में 29 अक्टूबर को वकीलों और जिला जज के बीच बहस के बाद कहासुनी हो गई थी। हंगामा हो गया था। पुलिस ने कोर्ट रूम में वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। जिला जज को पुलिस अधिकारी वकीलों के बीच से निकालकर ले गए थे।
वकील इस मामले में जिला जज और पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग कर रहे हैं। इस मामले में बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों की बैठक के बाद 4 अक्टूबर को हड़ताल का ऐलान किया गया था। मेरठ में भी वकील 4 और 5 नवंबर को न्यायिक कार्यों से विरत रहे।
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