बिना विश्वास और श्रद्धा के आप सनातन धर्म को पूरी तरह नहीं जान सकते

 मेरठ। श्री परशुरामेश्वर महादेव मन्दिर परिसर में श्री शिव महापुराण के चौथे दिवस पुज्य  दण्डी स्वामी  ध्रुवानंद तीर्थ  महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि यह श्रद्धा और विश्वास का संयोग है। बिना विश्वास और श्रद्धा के आप सनातन धर्म को पूरी तरह नही जान सकते है। 



यहाँ श्रद्धा माता पार्वती है और विश्वास शाश्वत भगवान शिव है। स्वामी जी ने बताया कि दान का पात्र हर कोई नहीं हो सकता है, और न ही दान सभी से लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दान का पात्र वैदिक रीति से आचरण करने वाला ब्राहमण है। वही दान केवल सात्विक आचार विचार वाले द्विज से ही लेना चाहिये। शिव विवाह के प्रसंग में अनोखा ही दृश्य था जहाँ संपुर्ण श्रोता गण माता पार्वती अर्थात् कन्या पक्ष की ओर से थे वही भगवान शंकर के पक्ष से स्वयं स्वामी  ध्रुवानंद तीर्थ महाराज व समस्त दण्डी स्वामी थे। कथा में भगवान शंकर और माता पार्वती के स्वरूपों को देख कर पूरा पंडाल हर हर महादेव के जयकारो से गुंज उठा। कथा स्थल पर आज उर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर  ने पूज्य महाराजजी का अभिनन्दन करते हुए आर्शीवाद ग्रहण किया। कार्यक्रम का संचालन ब्राह्मण कल्याण परिषद, के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार व मुख्य आचार्य पं राकेश बसलियाल ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने के योगश शर्मा, राजेंद्र शर्मा, सुधेश शर्मा अनुज शर्मा, विवेक शर्मा, अनुज शुक्ला, आचार्य प्रदीप सेमवाल तथा आशुतोष कौशिक आदि ने सहयोग प्रदान किया।

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