बाबू मुनकाद अली के बेटे की रिसेप्शन में जाना बसपाईयों को पड़ा महंगा
प्रशांत गौतम सहित तीन पदाधिकारी को किया पाट्री से किया बाहर
मेरठ। बहुजन समाज पार्टी से राज्यसभा के पूर्व सांसद बाबू मुनकाद अली के बेटे के रिसेप्शन की दावत में जाना कुछ बसपाइयों को महंगा पड़ गया। बहन जी की आज्ञा का पालन न करने पर पूर्व मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम एवं जिला प्रभारी दिनेश काजीपुर और महावीर सिंह प्रधान को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हालांकि बसपा के जिला अध्यक्ष मोहित कुमार ने सफाई देते हुए मीडिया में जारी अपने बयान में कहा है कि यह तीनों पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे और अनुशासनहीनता के दायरे में आ रहे थे, जिस कारण इन्हें निष्कासित किया गया है।
उधर प्रशांत गौतम की एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है जिसमें उनके मायावती और पीए के बीच हुई बातचीत का जिक्र है। इस ऑडियो में दोनों के बीच बातचीत के दौरान मायावती के पीए प्रशांत गौतम को बाबू मुनकाद अली के बेटे की शादी में न जाने की हिदायत देते हैं। पता चला है कि हाई कमान के आदेशों का पालन न करने पर इन तीनों ही नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
हालांकि तीनों नेता अपने निष्कासन से बेहद खफा दिख है। प्रशांत गौतम के खफा होने का आलम तो यह है कि उन्होंने बाकायदा एक नोट जारी कर सीधे-सीधे हाई कमान पर आरोप लगा दिए। उन्होंने मायावती के के पीए मेवालाल और खुद के बीच हुई बातचीत का पूरा ब्योरा ही खोल कर रख दिया। इस दौरान उन्होंने अपने नोट में हाईकमान के उसे संदेश को भी कोड किया जिसमें कादिर राणा के आने का जिक्र है। मतलब मामला पूरी तरह से राजनीतिक एंगल में फंस गया। प्रशांत गौतम के अनुसार मुनकाद अली से उनके पारिवारिक संबंध हैं। लिहाजा शादी में जाना जरूरी था और हम गए। वह आगे कहते हैं कि मैंने कोई भी पार्टी विरोधी कार्य नहीं किया। कुल मिलाकर मुनकाद अली के बेटे की शादी में जाना प्रशांत गौतम सहित अन्य दोनों लोगों को भारी पड़ गया। हालांकि निष्कासित नेताओं के हाव भाव से साफ महसूस हो रहा है कि तीनों ही पार्टी से निष्कासित होने पर हैरान है।
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