फोस्टरिंग इनोवेटिव माइंडसेट्स फॉर ग्लोबल सक्सेस पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल ने सत्यजीत रे ऑडिटोरियम में एंटरप्रेन्योरशिप : फोस्टरिंग इनोवेटिव माइंडसेट्स फॉर ग्लोबल सक्सेस "विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सिम्पोजियम का आयोजन किया। कार्यक्रम में प्रमुख विशेषज्ञों ने एंटरप्रेन्योरशिप रणनीतियों और इनोवेशन पर चर्चा की। पैनल में प्रमुख वक्ताओं के रूप में प्रोफेसर स्टीवन एडमंड, डीन और प्रोफेसर एमेरिटस, निदेशक, ओआईपी, ह्यूस्टन-टिलॉस्टन विश्वविद्यालय, यूएसए, सुश्री महिमा गर्ग, सीईओ, सर्टोमीटर, बेंगलुरु, आर्किटेक्ट भूपेंद्र कुमार, संस्थापक और प्रबंध निदेशक, एएफोरिया ग्रुप, नोएडा और सुश्री रिया जवला, चेयरमैन, ओमतेज एजु. प्रा. लिमिटेड, मेरठ ने भाग लिया। इस कार्यक्रम की मेज़बानी डॉ. अरुणा बंसल, एसोसिएट प्रोफेसर, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ने की। प्रत्येक वक्ता ने एंटरप्रेन्योरशिप के महत्वपूर्ण तत्वों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की।
कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल के उद्घाटन संबोधन से हुई, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्यमियों को चुनौतियों को आमंत्रित करना चाहिए और समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर स्टीवन एडमंड ने इसे और विस्तार से बताया कि एक उद्यमी को समस्याओं का समाधानकर्ता होने के साथ-साथ एक नवाचारी या इन्नोवेटर भी होना चाहिए। उन्होंने पश्चिम अफ्रीका के प्रेरणादायक केस स्टडीज साझा किए और बताया कि कैसे कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न एयरलाइंस और कार्गो उद्योगों ने अनिश्चित परिस्थितियों में भी व्यापार को बढ़ाने के तरीके ढूंढे ।
सुश्री महिमा गर्ग ने उद्यमिता में मापनीयता (स्केलेबिलिटी) की आवश्यकता पर जोर दिया, यह बताते हुए कि दीर्घकालिक विकास बनाए रखने के लिए व्यवसायों को विस्तार करना आवश्यक है। आर्किटेक्ट भूपेंद्र कुमार ने उद्यमिता के लिए सही मानसिकता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया और बताया कि उद्यमशील यात्रा की चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक तैयारी महत्वपूर्ण है। वहीं, सुश्री रिया जवला ने एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण की आवश्यकता पर जोर दिया और उद्यमशील सफलता प्राप्त करने में संचार, आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास की भूमिका को रेखांकित किया।
सत्र में छात्रों द्वारा सह-संस्थापक यानि को फाउंडर खोजने के तरीकों, व्यवसाय शुरू करने के सही समय और उद्यमिता में परिवार की भूमिका से संबंधित प्रश्न पूछे गए। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल के प्रभारी डॉ. श्रवण कुमार गर्ग द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन व प्रिंसिपल डॉ. मनोज कपिल ने विश्वविद्यालय के एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल को संगोष्ठी आयोजन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के साथ नवाचार व अनुसंधान पर जोर देकर विद्यार्थियों को ज्ञानवान बनाया जा रहा है।
कार्यक्रम संचालक डॉ. अरुणा बंसल, डॉ. अर्चिता भटनागर, इंजीनियर ऋतु शर्मा और एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल की सदस्य इंजीनियर जूही वर्मा आदि का सहयोग रहा ।
No comments:
Post a Comment