सक्रिय वेब-आधारित शिक्षण पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन

मेरठ। डिपार्टमेंट ऑफ़ लिबरल आर्ट्स एंड हुमानिटीज़, फैकल्टी ऑफ़ आर्ट्स एंड सोशल साइंसेज, स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ में महत्वपूर्ण अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया, जिसका विषय "स्वयं और मूक्स के माध्यम से सक्रिय वेब-आधारित शिक्षण"। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों से परिचित कराना था। तथा वेब-आधारित शिक्षा के माध्यम से व्यापक स्तर पर छात्रों की पहुंच को सक्षम बनाना और शिक्षण में नवीनतम डिजिटल विधियों का उपयोग करना था। ताकि छात्र ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाओं को समझ सकें और उनका लाभ उठा सकें।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ. संजीव त्यागी थे, जो कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग, स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने ‘स्वयं’ (स्टडी वेब्स ऑफ़ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पिरिंग माइंडस) और ‘मूक्स’ (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) की अवधारणा और महत्व पर प्रकाश डाला। ‘स्वयं’ भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख मंच है, जो ‘मूक्स’ के माध्यम से शिक्षा प्रदान करता है। इस कार्यक्रम में ‘स्वयं’ के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को विभिन्न डिजिटल पाठ्यक्रमों का लाभ कैसे मिल सकता है, इस पर चर्चा की गई। ‘स्वयं’ प्लेटफ़ॉर्म पर मानविकी और सामाजिक विज्ञान से लेकर इंजीनियरिंग, व्यवसाय, गणित और व्यक्तिगत विकास तक कई विषयों के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।

डॉ. त्यागी ने ‘स्वयं’ प्लेटफॉर्म के बारे में विस्तार से बताया, जो भारत सरकार की एक पहल है। उन्होंने इसके उद्देश्यों और कार्यप्रणाली पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे ये प्लेटफॉर्म छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं और उन्हें अपने समय और स्थान के अनुसार सीखने की सुविधा दे रहे हैं।

उन्होंने ‘मूक्स’ के महत्व पर भी जोर दिया और बताया कि कैसे ये पाठ्यक्रम शिक्षा को अधिक सुलभ और लचीला बना रहे हैं। कार्यक्रम में वेब-आधारित शिक्षण के विभिन्न लाभों पर चर्चा की गई, जिसमें लचीलापन, पहुंच में वृद्धि, और व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव शामिल थे। डॉ. त्यागी ने वेब-आधारित शिक्षण में आने वाली चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शिक्षण में सक्रिय शिक्षण तकनीकों का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, जिससे कि छात्र केवल सामग्री प्राप्त करने वाले न बने रहें, बल्कि वे खुद शिक्षण प्रक्रिया का हिस्सा बनें। इसमें क्विज़, असाइनमेंट और इंटरएक्टिव गतिविधियों का समावेश किया जाता है।

डॉ. त्यागी ने विभिन्न इंटरैक्टिव लर्निंग टूल्स और तकनीकों का प्रदर्शन किया जो ‘स्वयं’ और ‘मूक्स’ प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। उन्होंने वर्चुअल लैब्स, इंटरैक्टिव क्विज़, और पीयर-टू-पीयर लर्निंग के महत्व पर जोर दिया।

विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "यह कार्यक्रम हमारे शिक्षकों और छात्रों को 21वीं सदी की शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराने का एक प्रयास है। और सभी को इस प्रयास का लाभ उठाना चाहिए और अपने मित्रो को भी प्रोत्साहित करना चाहिए।"

डॉ. नियति गर्ग, जो कार्यक्रम की समन्वयक थीं, उन्होंने इस बात के लिए सबको प्रोत्साहित किया कि “आज के समय कोई भी काम कंप्यूटर और माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के बिना नहीं होता है तो सभी को ‘स्वयं’ और ‘मूक्स’ के माध्यम से अपने इस स्किल को बढ़ाने के अवसर का लाभ उठाना चाहिए।“

डॉ. नियति ने इस बात पर जोर दिया कि इन वेब-आधारित प्लेटफार्मों के उपयोग से न केवल छात्रों को उच्च स्तरीय पाठ्यक्रमों तक पहुंच मिलती है, बल्कि वे आत्म-अनुशासन, समय प्रबंधन और स्वतंत्र अध्ययन की क्षमताओं को भी विकसित कर सकते हैं।कार्यक्रम का समापन एक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने वेब-आधारित शिक्षण के विभिन्न पहलुओं पर अपने प्रश्न पूछे। समग्र रूप से, यह कार्यक्रम शिक्षा के डिजिटल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

इस अतिथि व्याख्यान से इन प्रमुख बिन्दुओ पर सबका ध्यान गया। ‘स्वयं’ भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है। ‘मूक्स’ वैश्विक स्तर पर शिक्षा को सुलभ बनाते हैं, जिससे भौगोलिक सीमाएं कम होती हैं। दोनों प्लेटफॉर्म छात्रों को अपनी गति से सीखने की अनुमति देते हैं। इनमे प्रतिष्ठित संस्थानों और विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। कार्यरत पेशेवरों के लिए समय प्रबंधन आसान हो जाता है। ‘स्वयं’ स्कूल से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक के पाठ्यक्रम प्रदान करता है। ‘मूक्स’ में तकनीकी, मानविकी, व्यावसायिक कौशल आदि विभिन्न क्षेत्रों के पाठ्यक्रम शामिल हैं। वीडियो लेक्चर, ई-कंटेंट, डिस्कशन फोरम, और क्विज़ जैसे इंटरैक्टिव तत्व शामिल हैं। वर्चुअल लैब्स प्रैक्टिकल अनुभव प्रदान करती हैं। छात्र के प्रदर्शन और प्रतिक्रिया के आधार पर पाठ्यक्रम में लगातार सुधार किया जाता है। अधिकांश पाठ्यक्रम निःशुल्क हैं, केवल प्रमाणपत्र के लिए शुल्क लिया जाता है। यह उच्च शिक्षा को अधिक किफायती बनाता है। नवीनतम तकनीकी और व्यावसायिक कौशल सीखने का अवसर प्रदान करता है। फोरम और डिस्कशन बोर्ड के माध्यम से पीयर-टू-पीयर लर्निंग का अवसर मिलता है। वैश्विक छात्र समुदाय से जुड़ने का अवसर मिलता है। पाठ्यक्रम पूरा करने पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। कुछ मामलों में, पारंपरिक शैक्षणिक कार्यक्रमों में क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा भी उपलब्ध है।

इस अतिथि व्याख्यान में लिब्रल आर्ट्स एंड हमनीटीएस विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी, डॉ मोनिका मेहरोत्रा, डॉ दुर्वेश कुमार, डॉ अमृता चौधरी, जर्नलिज्म एंड मास्स कम्युनिकेशन विभाग से डॉ देशराज सिंह, डॉ अशोक त्यागी, तथा भाषा विभाग से डॉ आशीष कुमार, और डॉ अनुज बावरा उपस्थित रहे। छात्रों में लिब्रल आर्ट्स एंड हमनीटीएस विभाग, जर्नलिज्म एंड मास्स कम्युनिकेशन विभाग, भाषा विभाग तथा केरल वर्मा सुभारती कॉलेज ऑफ़ साइंस के 68 छात्रों के प्रतिभाग किया।कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जहां सभी ने डॉ. संजीव त्यागी का आभार व्यक्त किया।

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